आपराधिक कानूनों का मूल ज्ञान जरूरी
पैनल अधिवक्ताओं का एकदिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण रविवार को गूगल मीट एप से किया गया। ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से न्याय मंडल में कार्यरत सभी पैनल अधिवक्ताओं का क्षमता संवर्धन कर उन्हें आम जनों को विधिक सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न कानूनी जानकारियां दी गई।
गिरिडीह : पैनल अधिवक्ताओं का ऑनलाइन प्रशिक्षण रविवार को गूगल मीट एप से किया गया। न्याय मंडल में कार्यरत सभी पैनल अधिवक्ताओं का क्षमता संवर्धन कर उन्हें आमजनों को विधिक सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न कानूनी जानकारियां दी गईं। बतौर प्रशिक्षक न्यायिक दंडाधिकारी रवि चौधरी ने पैनल अधिवक्ताओं को आपराधिक मामलों पर मूलभूत ज्ञान विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने संज्ञेय तथा असंज्ञेय अपराधों को बतलाते हुए भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता तथा भारतीय दंड संहिता के महत्वपूर्ण प्रावधानों को बताया। डालसा सचिव संदीप कुमार बर्तम ने प्ली बारगेनिग विषय पर उदाहरण के साथ विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कहा कि प्ली बारगेनिग को एक प्रकार से कानूनी तोल-मोल के रुप में भी जाना जाता है। पक्षकारों को हुई क्षति की भरपाई आपसी समझौते के आधार पर कानूनी तोल-मोल कर न्यायालय की सहमति से की जाती है, कितु इस प्रक्रिया में सात साल से ऊपर की सजावाले मामले को शामिल नहीं किया जाता है। उन्होंने नालसा एवं झालसा द्वारा निर्धारित विधिक सेवाओं का लाभ अधिक से अधिक मात्रा में जरूरतमंदों एवं समाज के अंतिम व्यक्ति तक मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित एवं प्रेरित किया। प्रधान जिला जज सह डालसा के अध्यक्ष दीपकनाथ तिवारी के मार्गदर्शन में यह प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। विदित हो कि झालसा रांची द्वारा इस लॉकडाउन रूपी वैश्विक संकटकाल में सभी पैनल अधिवक्ताओं, मध्यस्थों एवं पारा लीगल वालेंटियर्स को प्रत्येक सप्ताह एक-एक दिन का ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर विभिन्न टॉपिक्स पर कराने का निर्देश प्राप्त हुआ है। कोरोना संक्रमण की इस घड़ी में झालसा ने कानून के ज्ञानवर्धन के लिए ऑनलाइन ट्रेनिग शुरू की है।