जेल में बंद इनामी नक्सली सुनील पर कसेगा शिकंजा
Naxalite. जेल में बंद इनामी नक्सली सुनील मांझी पर पारसनाथ मुठभेड़ में भी शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। होटवार जेल में बंद भाकपा माओवादी के बिहार-झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य व 25 लाख रुपये का इनामी नक्सली सुनील मांझी पर पारसनाथ मुठभेड़ में भी शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली गई है। साल 2008 में पारसनाथ पहाड़ में हुए नक्सली मुठभेड़ मामले में भी पुलिस उसके खिलाफ मुकदमा चलाएगी। पीरटांड़ पुलिस के आवेदन पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने इसकी अनुमति दी है। एक फरवरी को होटवार जेल से वीडियो संवाद के जरिये अदालत उसका प्रोडक्शन करेगी। इस मामले में सुनील मांझी नामजद आरोपित है। इसमें दर्ज प्राथमिकी में सुनील मांझी का नाम प्रशांत के बाद दूसरे नंबर पर दर्ज है।
एसपी सुरेंद्र कुमार झा के नेतृत्व में गिरिडीह पुलिस एवं सीआरपीएफ ने सुनील मांझी उर्फ सुनील सोरेन, पांच-पांच लाख रुपये के इनामी चालीस उर्फ दिनेश मांझी व सोहन भुइयां समेत 14 हार्डकोर माओवादियों को पिछले पांच मार्च को डुमरी थाना क्षेत्र के अकबकीटांड़ से हथियारों के जखीरे के साथ गिरफ्तार किया था। गिरिडीह पुलिस की इस कार्रवाई से माओवादियों की कमर टूट गई। बाद में यह मामला एनआइए के जिम्मे कर दिया गया था। साथ ही, जेल भेजे गए सभी 14 नक्सलियों को होटवार जेल भेज दिया गया।
गीता समेत तीन रिमांड पर, चार के खिलाफ वारंट
पीरटांड़ के जिस मामले में सुनील मांझी को रिमांड किया जाएगा, उस मामले में रोहित उर्फ चुरका हेंब्रम उर्फ कल्लू, जीतन मरांडी और बड़की उर्फ गीता दी को बुधवार को रिमांड किया गया। तीनों अभी दूसरे नक्सली मामले में गिरिडीह जेल में बंद हैं। इस मामले में न्यायालय ने चार नामजद नक्सलियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट का आदेश दिया है। पुलिस ने न्यायालय में वारंट के लिए दिए आवेदन में कहा है कि सभी इस मामले के नामजद हैं और बाहर हैं। इन नक्सलियों में पीरटांड़ के झरहा के अनल दा उर्फ पतिराम मांझी उर्फ गोपाल दा, हजारीबाग के कटकमसांडी के दीपक यादव उर्फ कारू यादव, खुखरा के जया उर्फ चिंता दी और खुखरा के संजय महतो उर्फ संतोष उर्फ बासुदेव शामिल हैं।
प्रशांत समेत 92 हैं नामजद
जिस मामले में सुनील मांझी को रिमांड कराया जाएगा, उसमें 92 नक्सलियों को नामजद किया गया था। इस कांड के सूचक तत्कालीन पीरटांड़ थाना प्रभारी पंकज कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि पारसनाथ पहाड़ की तराई में नक्सलियों की बैठक की सूचना पर सीआरपीएफ और पुलिस के संयुक्त अभियान में 3500 फीट ऊंचाई पर बूढ़़ी बेबी के पास मुठभेड़ हुई थी। नक्सली जानलेवा हमला कर पुलिस को टारगेट कर गोली चलाने लगे। पुलिस की जवाबी करवाई में नक्सली मौके का फायदा उठाकर भाग गए। इस दौरान बड़ी मात्रा में गोला बारूद, हथियार, नक्सली साहित्य, कपड़ा, विस्फोटक, वर्दी, तिरपाल, दवाई समेत कई चीजें बरामद की गई थीं। इसके पूर्व इस मामले में नवीन मांझी समेत अन्य नक्सलियों को रिमांड कर आरोप पत्र दाखिल किया था।
हत्या के प्रयास में तीन दोषी करार
जिला जज वन रामबाबू गुप्ता की अदालत ने गुरुवार को हत्या के प्रयास के मामले में तीन आरोपितों को दोषी करार दिया। दोषी पाए जाने वालों में सुलेमान मियां, मो. अकबर और मो. जहांगीर शामिल हैं। दोषी करार दिए जाने के साथ ही तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर कड़ी सुरक्षा के बीच सेंट्रल जेल भेज दिया गया। तीनों न्यायालय से जमानत पाकर बाहर थे। इन तीनों की सजा के बिंदु पर सुनवाई 31 जनवरी को होगी। घटना पीरटांड़ थाना क्षेत्र के खरपोका गांव की है।
इस कांड के सूचक सलामत अंसारी ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि छह फरवरी 2011 को सभी लोगों ने मिलकर उसे छुरा से मारकर जख्मी कर दिया। उसका इलाज सदर अस्पताल में हुआ था। घटना का कारण जमीन विवाद बताते हुए कहा कि हिस्से की जमीन गलत तरीके से बेच दी गई थी। इस बात को लेकर पूछने पर जानलेवा हमला कर उसे घायल कर दिया गया था। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक अजय साह ने सूचक, डॉक्टर समेत चश्मदीदों की गवाही कराई और बहस की। बचाव पक्ष से अधिवक्ता बिनोद कुमार यादव ने बहस की थी।