जीविका व लोकतंत्र को नया आधार देनेवाला है किसान आंदोलन
गिरिडीह सीहोडीह में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक रविवार को हुई जिसमें पूर्व में किए
गिरिडीह : सीहोडीह में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक रविवार को हुई, जिसमें पूर्व में किए गए कार्यक्रमों की समीक्षा की गई एवं आगे किए जानेवाले कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई। मुख्य अतिथि पर्यावरणविद सह सामाजिक चितक घनश्याम ने कहा कि वर्तमान में चल रहा किसान आंदोलन केवल आंदोलन नहीं बल्कि लोगों की जीविका और लोकतंत्र को एक नया आधार देनेवाला है। वर्तमान तीनों कृषि कानून एक झलक मात्र है। अभी लैंड सीलिग एक्ट के नाम पर एक और कानून आना बाकी है। इसके तहत सरकार जमीन का पासबुक बनाएगी और उसे पूरी दुनिया जानेगी जहां सार्वजनिक जमीन को भी बेचने की तैयारी होगी। अनाज को तिजोरी की वस्तु बनाने की तैयारी की जा रही है। इस परिप्रेक्ष्य में परिवर्तनवादी राजनीतिक धारा को किसान आंदोलन ने एक जगह दी है। इस आंदोलन से राजनीतिक भविष्य निकलता हुआ दिख रहा है। यह पहला आंदोलन है जिसमें देश में खेती किसानी करनेवाले लोगों ने सामूहिक नेतृत्व दिया है। बैठक की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता सह भारत ज्ञान विज्ञान समिति के प्रदेश महासचिव टिकैत विश्वनाथ सिंह ने कहा कि आज के युवाओं को देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम के नाम पर लोकतंत्र के वास्तविक मूल्य से दूर किया जा रहा है। युवाओं को राष्ट्रीयता के नाम पर संवैधानिक मूल्यों से हटाकर मुख्यधारा से अलग किया जा रहा है। सेकुलर फ्रंट के संयोजक धरणीधर ने कहा कि अभी सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र को बचाने की है। वर्तमान सरकार सीधे-सीधे लोकतंत्र और आजीविका पर हमला कर रही है। समिति के जिलाध्यक्ष मोहम्मद आलम ने कहा कि हम सब मिलकर इस झूठी सरकार को बेनकाब करेंगे और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने की फौज खड़ी करेंगे। बैठक में सीपीआइ के देवशंकर मिश्र, झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के ब्रजेश्वर प्रसाद, राष्ट्रीय किसान मोर्चा के जिला संयोजक ओमप्रकाश महतो, ग्राम स्वराज अभियान के रामदेव विश्वबंधु, वीणा वर्मा, सीताराम दास, रोहित प्रसाद वर्मा, विनोद प्रसाद, राजू महतो, दिलीप कुमार, रवींद्र प्रसाद वर्मा आदि थे।