बंदी के कगार पर सीसीएल का वर्कशॉप
बनियाडीह सीसीएल को सालाना करोड़ों का मुनाफा देनेवाला वर्कशॉप आज बंदी के कगार पर पह
बनियाडीह : सीसीएल को सालाना करोड़ों का मुनाफा देनेवाला वर्कशॉप आज बंदी के कगार पर पहुंच चुका है। वर्कशॉप का रखरखाव एवं अधिकारियों की अदूरदर्शिता के कारण इसकी स्थिति काफी दयनीय हो गई है, यह जानकारी आरसीएमएस के एरिया सचिव एनपी सिंह बुल्लू ने मंगलवार को एक बयान जारी कर दी। कहा कि वर्कशॉप सीसीएल की एक पूर्ण विकसित इकाई है, जहां बाहर के आर्डर के अनुरूप सांचा बनाया जाता था, उनके अनुसार उपकरणों की ढलाई एवं कास्टिग होने के बाद माल को सिगरौली, तालचेर जैसे जगहों पर भेजा जाता था जिससे सीसीएल को सालाना करोड़ों का मुनाफा होता था। इतना ही नहीं यहां के मशीन शॉप में आज भी बड़ी-बड़ी दो लेथ मशीन, घाट मशीन, ड्रिल मशीन, मिलिग मशीन आदि है, इसे अगर चालू कर दिया जाए तो इस शॉप को मजबूती देने में आसानी होगी, लेकिन यहां का प्रबंधन इसका कोई ख्याल नहीं कर रहा है। यहां आर्मेचर शॉप भी है, जिसमें दो मेगावाट केवीए के मोटर के रखरखाव की व्यवस्था है, यहां इसे रिवाइंडिग करने की व्यवस्था है, लेकिन यह भी रखरखाव तथा माल की आपूर्ति नहीं होने की वजह से मृतप्राय: हो चला है, इस शॉप में लोहारखाना तथा कुर्ला सट्टा बनाने की सुविधा है, लेकिन वह भी आपूर्ति नहीं होने से आवश्यक वस्तुओं के अभाव में बंद होने के कगार पर है. फिलहाल यहां 50 कोयला टब का आर्डर आया था जिसे सीसीएल मुख्यालय ने खत्म कर दिया। यह एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है, इससे लगता है कि इस शॉप को बंद करने में सभी अधिकारी लगे हैं, यहां एक ऑटोमोबाइल शॉप भी था, लेकिन वह भी अफसरों के भाड़े पर गाड़ी रखने की नीयत तथा इस यूनिट को माल नहीं मिलने के कारण बंदी के कगार पर हैं, वर्कशॉप की स्थिति को दयनीय देखते हुए महाप्रबंधक एवं सीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया, लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हो पाई है।