Move to Jagran APP

भारतीय जीवन बीमा निगम का आइपीओ लाना देश के लिए घातक

गिरिडीह वर्तमान सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम सहित तमाम सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को बेच रही

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Feb 2021 08:09 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2021 08:09 PM (IST)
भारतीय जीवन बीमा निगम का आइपीओ लाना देश के लिए घातक
भारतीय जीवन बीमा निगम का आइपीओ लाना देश के लिए घातक

गिरिडीह : वर्तमान सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम सहित तमाम सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को बेच रही है। इस वर्ष के बजट में एलआइसी एक्ट में परिवर्तन कर निगम का आइपीओ लाने का प्रावधान किया गया है, जो घातक कदम है। यह बात शनिवार को हुट्टी बाजार स्थित साहु भवन में आयोजित बीमा कर्मचारी संघ हजारीबाग मंडल की कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए संघ के महासचिव महेंद्र किशोर प्रसाद ने कही।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि एलआइसी 1956 में पांच करोड़ की पूंजी से प्रारंभ होकर 32 लाख करोड़ से अधिक की परिसंपत्ति अर्जित कर ली। एलआइसी देश के आधारभूत संरचना के विकास में अपना अहम योगदान दे रही है। एलआइसी 1956 से लेकर अभी तक 29 हजार करोड़ रुपया लाभांश के रूप में सरकार को दे चुकी है।

संयुक्त सचिव हेमंत मिश्र ने कहा कि इस बजट में प्रावधान किया गया है कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 फीसद से 74 फीसद किया जाएगा। जब एफडीआइ की सीमा 49 फीसद थी, उस समय भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मात्र 35 फीसद ही आया। ऐसे में इस सीमा में बढ़ोतरी करना हास्यास्पद है। संयुक्त सचिव सुमित कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार कॉरपोरेट के इशारे पर काम कर रही है। सभी आर्थिक नीतियां उन्हीं के अनुसार बना रही है।

संयुक्त सचिव नीरज कुमार ने कहा कि एलआइसी पर आम जनता का अटूट विश्वास है। इसलिए हमें अच्छा ग्राहक सेवा प्रदान करना है। संयुक्त सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों को विश्वास देने की जगह गुमराह कर रही है।

बैठक को संगठन सचिव जेसी मित्तल, संस्थापक महासचिव जेपी सिंह, मदन कुमार पाठक, सुशील कुमार सिंह, महावीर यादव, अलगू प्रसाद, जेपी मुंडा आदि ने संबोधित किया। अध्यक्षता मंडलीय अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने की। बैठक में धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़ और गिरिडीह जिले के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.