सूरत में फंसे मजदूरों ने लगाई घर वापसी की गुहार
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए समूचे देश में लागू लाग डाउन के कारण सूरत में फंसे मजदूरों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । उन लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से झारखंड राज्य सरकार से घर वापसी की गुहार लगाई है । प्रवासी मजदूर भुखमरी के कगार पर है । शोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि जितने भी लोग सुरत में फंसे हैं उनकी स्वास्थ्य जांच कर अपने घर भेजने की प्रक्रिया शुरू कि जाए। रुपए पैसे किसी के पास नहीं बचा है । लोग आर्थिक संक
सियाटांड़ : लॉकडाउन के कारण सूरत में फंसे सियाटांड़ 36 मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से झारखंड सरकार से उनकी घर वापसी कराने की गुहार लगाई है। लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि जितने भी लोग सूरत में फंसे हैं उनकी स्वास्थ्य जांच कर अपने घर भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाए। रुपये पैसे किसी के पास नहीं बचे हैं। वे लोग अब आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। राशन दुकान वाले भी राशन उधारी देना नहीं चाहते हैं। कुछ ही दिन का राशन उनके पास उपलब्ध है। राशन खत्म होते ही भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
दशरथ महतो, दीपक वर्मा, ब्रह्मदेव वर्मा सहित दर्जनों लोगों ने फोन से जानकारी दी कि झारखंड सरकार की ओर से जारी किया गया हेल्पलाइन नंबर भी किसी काम का नहीं है व एक भी नंबर सही नहीं है। इस मुसीबत में कोई मंत्री या नेता साथ नहीं दे रहे हैं। यहां पर मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। एक कमरे में आठ से दस लोग रहते हैं। लॉकडाउन के कारण उनका कमरे से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
विदित हो कि जमुआ पूर्वी क्षेत्र के हजारों मजदूर सूरत में म•ादूरी करके अपने घर परिवार का पालन पोषण करते हैं। वे लॉकडाउन के कारण वहां फंसे हैं। ऐसे में उनके घर परिवार के लोग भी आर्थिक संकट में हैं।
वहीं गिरिडीह के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सरजू बिहारी सिंह ने कहा कि सूरत से प्राप्त श्रमिकों की सूची को अपने वरीय पदाधिकारी को उन्होंने सौंप दिया है।