तिसरी में लोगों ने नहीं देखा था ऐसा सन्नाटा
जनता कर्फ्यू ऐतिहासिक कर्फ्यू है आज तक ऐसा कर्फ्यू बिना पुलिस प्रशासन के सफलता मिली है।प्रखंड से लेकर ग्रामीण व सुदूरवर्ती क्षेत्र में भी शुबह से ही लोग अपने बच्चों के साथ घर मे दुबके रहे।घर के अलावा प्रतिष्ठानों में भी ताले लटका रहा।एक भी दुकान खुला नही था।चारो तरफ भयावह सन्नाटा पसरा हुआ था।वाहनों की आवागमन ढप रही। जनता कर्फ्यू को लेकर 90 व
तिसरी : जनता कर्फ्यू ऐतिहासिक रही। आज तक ऐसे कर्फ्यू में कभी भी बिना पुलिस प्रशासन के सफलता नहीं मिली थी। प्रखंड से लेकर ग्रामीण व सुदूरवर्ती क्षेत्र में भी सुबह से ही लोग अपने बच्चों के साथ घरों में दुबके रहे। घर के अलावा प्रतिष्ठानों में भी ताले लटके रहे। एक भी दुकान खुला नहीं था। चारों तरफ भयावह सन्नाटा पसरा हुआ था। वाहनों का आवागमन ठप रहा।
90 वर्षीय दिलचंद साव ने कहा कि ऐसा कर्फ्यू उन्होंने जिदगी में कभी नहीं देखा। जैसे लग रहा था मुहल्ला में लोग हैं ही नहीं। कहा कि सुबह से ही वे घर में दुबके हुए हैं ताकि मोदी जी की अपील सफल हो सके व कोरोना जैसी महामारी से छुटकारा मिल सके। 50 वर्षीय समाजसेवी मोहन बरनवाल ने कहा कि घर में समाचार देखकर समय काट रहे थे। चारों तरफ सन्नाटा जिस तरह पसरा हुआ था कि यह ऐतिहासिक कर्फ्यू लग रहा है। कोरोना के डर ने सभी को मजबूर कर दिया है। प्रदेश में काम करनेवाले लोग भी वापस अपने घर लौट रहे हैं। तिसरी में कभी भी कर्फ्यू नहीं लगा था।