Giridih: जहरीली शराब से 16 की माैत, बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार को घेरा
सीएम हेमंत सोरेन को मिली तो उन्होंने ट्विटर पर DC से जवाब तलब किया। उपायुक्त ने सीएम को सूचित किया कि यह रहस्यमयी मौत नहीं बल्कि इसका कारण अत्यधिक शराब का सेवन है।
गिरिडीह, जेएनएन। गिरिडीह जिले में सरिया प्रखंड के फकीरापहरी और देवरी प्रखंड के गादीकला गांव में रविवार को तीन लोगों की मौत हो गई। पिछले पांच दिनों में दोनों गांवों में चौदह लोगों की जान जा चुकी है। मेडिकल बोर्ड की देखरेख में कराए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मौत का कारण अत्यधिक शराब का सेवन है। हालांकि जानकार इस रिपोर्ट को अत्यधिक शराब का सेवन बताकर जहरीली शराब कांड पर पर्दा डालने की कोशिश ठहरा रहे हैं।
सीएम हेमंत ने डीसी से मांगी रिपोर्ट
गिरिडीह के गांवों में दहशत का माहौल कायम होने की सूचना सीएम हेमंत सोरेन को मिली तो उन्होंने ट्विटर पर उपायुक्त से जवाब तलब किया। उपायुक्त ने सीएम को सूचित किया कि यह रहस्यमयी मौत नहीं बल्कि इसका कारण अत्यधिक शराब का सेवन है। उपायुक्त ने सीएम को बताया कि दोनों गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है। जिनकी हालत ज्यादा खराब है, उन्हें रिम्स रेफर किया गया है। इधर, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने ताबड़तोड़ छापामारी कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
साले की माैत पर ससुराल पहुंचे दामाद की भी माैत
गिरिडीह के फकीरापहरी और गादीकला में रविवार का दिन भी खौफ बढ़ाने वाला रहा। फकीरापहरी में तड़के ५० साल के दुलेश्वर तुरी ने दम तोड़ा। गादीकला में ४० साल के पिंटू राय की इहलीला खत्म हो गई। वे गावां थाना के जमडार गांव के थे। गादीकला में ससुराल है। उनके साला खेमचंद्र राय व गणेश राय की मौत हो गई थी। इस कारण वे ससुराल आए थे। अस्पताल में इलाजरत सुकूर तुरी की भी मौत देर शाम को हो गई। अभी तक सरिया थाना के फकीरापहरी में ८ और देवरी के गादीकला गांव में ७ लोगों की जान जा चुकी है।
फकीरापहरी के चार पीडि़तों को भेजा गया रिम्स
फकीरापहरी गांव के महादेव मिर्धा, सुभाष मिर्धा, मुरली तुरी एवं रामेश्वर तुरी उर्फ विष्णु की खराब हालत को देखते हुए रिम्स भेजा गया है। अजय रजक का इलाज धनबाद के जालान अस्पताल एवं बाबूलाल ठाकुर का इलाज सरिया अस्पताल में किया जा रहा है। नारायण धोबी, वंशी देवी, कोलेश्वर रजक, शनि देवी, गौरा देवी, पारो देवी, पनिया देवी तथा फूलमती देवी का इलाज गांव के स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर विनय कुमार ने किया।
रिश्तेदारी निभाने गादीकला आईं चार महिलाएं बीमार
गादीकला में लगातार मौतों के दौरान रिश्तेदारी निभाने के लिए अलग-अलग गांवों से वहां गई चार महिलाएं बीमार हो गई हैं। पेट दर्द व दस्त से पीडि़त महिलाओं को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तिसरी के चिलगिली गांव की शांति देवी, अरगालो की रीना देवी, पंडाटांड़ की मंजू देवी व गीता देवी इलाजरत है। तबियत खराब होने लगी तो उन्हें जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
महुआ की दुकानों में लग गए ताले
मौतों के बाद जिला पुलिस के साथ उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने ताबड़तोड़ छापेमारी की। कई गांवों में महुआ बेचने वालों ने भी अपनी दुकानों में ताले लगा दिए। बागोडीह, सबलपुर, नावाडीह, नीमाटांड़ औरवाटांड़ समेत कई स्थानों पर छापामारी की गई। इधर, ग्र्रामीणों का दावा है कि सभी मौतों का कारण शराब या फूड प्वाइजनिंग नहीं है। एक महिला की मौत कैंसर तथा एक वृद्ध की मौत पैरालाइसिस से हुई है।
मेडिकल बोर्ड ने तीन शवों का कराया पोस्टमार्टम
सिविल सर्जन सह जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया। इसमें सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ उपेन्द्र दास, डॉ. अरुण कुमार व डॉ. राजीव कुमार को रखा गया। मेडिकल बोर्ड ने रविवार को फकीरापहरी के अवधेश्वर रजक, दिलेश्वर तुरी और गादीकला में मरे ङ्क्षपटू राय के शवों का पोस्टमार्टम कराया।
किसी रहस्यमय बीमारी की आशंका से लगा रहे मॉस्क
गांवों में कई मौतों से ग्रामीण परेशान हैं। जहरीली शराब के अलावा रहस्यमय बीमारी से भी मौत की आशंका जताई जा रही है। कई ग्रामीण तो खुद व बच्चों को मॉस्क भी लगा रहे हैं।
इन्होंने तोड़ा दम
फकीरापहरी : आदेश्वर रजक, मुकेश कुमार, बासुदेव रजक, अरङ्क्षवद ङ्क्षसह, छठी महतो, उर्मिला देवी, छट्ठू महतो तथा दुलेश्वर तुरी।
गादीकला : सुगीलाल मेहता, खेम चंद्र राय, डेगन यादव, गणेश राय, सागर सिंह, सुकूर तुरी, एवं पिंटू राय।
बाबूलाल मरांडी ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जहरीली शराब कांड के लिए हेमंत सोरेन सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि गिरिडीह जिला प्रशासन को मालूम था कि अवैध शराब बेची जा रही है। कभी भी जहरीली शराब से लोगों की जानें जा सकती है। प्रशासन ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। कार्रवाई की होती तो लोगों की जान नहीं जाती।