पत्नी की बीमारी में हुए कर्जदार, अब तो सुध लो सरकार
सदर अस्पताल समेत जिले के सरकारी स्वास्थ्य विभाग में सुरक्षा व्यवस्था को प्रतिनियुक्त होमगार्डों को करीब नौ माह से वेतन नहीं मिलने के कारण उनके घरों की व्यवस्था अस्तव्यस्त हो गयी है। पैसे नहीं रहने के कारण इलाज के अभाव में किसी की पत्नी मरणासन्न अवस्था में पहुंच गयी है तो कई होमगार्डों के घरों का चूल्हा बूझने के कगार पर है। दो वक्त की रोटी के लिए ये गृहरक्षक कर्जदार हो गये है। अब तो दुकानदार भी उसे खाद्य सामग्री देने से कतराने लगे है।
गिरिडीह : सदर अस्पताल समेत जिले के सरकारी स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्त होमगार्डो को नौ माह से वेतन नहीं मिला है। इसके चलते उनका परिवार कर्ज में डूब गया है। लोग बीमार पड़ने पर ठीक से इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। अब तो दुकानदार भी उसे खाद्य सामग्री देने से कतराने लगे हैं।
होमगार्ड मो. बसीर ने बताया कि करीब नौ माह से वेतन नहीं मिला है। पत्नी को हृदय रोग है। पैसे के अभाव में उसका सही इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं। अधिक तबीयत खराब हो जाने पर ब्याज पर आठ हजार रुपये लेकर उसका इलाज कराया गया। अब दवा तक के पैसे नहीं हैं। लोग कर्ज देने से भी मना कर दे रहे हैं। पत्नी को उसी हालत में खुदा के भरोसे छोड़ दिया गया है।
मो. इब्राहीम ने बताया कि वेतन नहीं मिलने के कारण सूद पर पैसा लेकर घर का खर्च चला रहे हैं। वह स्वयं बीमार हैं और बीमारी की हालत में भी ड्यूटी कर रहे हैं।
होमगार्ड कांग्रेस यादव ने बताया कि अब तो दुकानदार भी राशन देने से हाथ खड़ा कर दिया है। परिजनों का गुजर-बसर कैसे होगा यह चिता उसे सताए जा रही है।
विशुनदेव यादव ने बताया कि जिले के सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में करीब 48 होमगार्ड प्रतिनियुक्त है। सभी को नौ माह से वेतन नहीं मिला है। कई बार सिविल सर्जन से वेतन की मांग की गई, हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला।
सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार सिन्हा ने बताया कि सरकार के पास से आवंटन नहीं आने के कारण होमगार्डो को वेतन नहीं मिल पा रहा है। आवंटन आने के बाद वेतन भुगतान करा दिया जाएगा।