तसर उत्पादन में झारखंड विश्व में अव्वल
बेंगाबाद स्थित अग्रपरियोजना कार्यालय परिसर मे शुक्रवार को रेशम कृषको का प्रमंडलीय कार्यशाला का आयोजन किया गया मौके पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था मे रेशम उधोग के योगदान पर चर्चा करते हुए रेशम उधोग को बढावा देकर रेशम किसानो की आय दोगुणी करने। पर चर्चा की गई इसके पुर्व कार्यक्रम का उद्घाटन उतरी छोटानागपुर के सहायक निदेशक उदय प्रताप एवं गिरिडीह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा आदि ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्जवलीत कर किया मौके पर वक्ताओ ने त
बेंगाबाद (गिरिडीह): बेंगाबाद स्थित अग्र परियोजना कार्यालय परिसर में शुक्रवार को रेशम कृषकों का प्रमंडलीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में रेशम उद्योग के योगदान पर चर्चा करते हुए इसे बढ़ावा देकर रेशम के किसानों की आय दोगुनी करने पर मंथन किया गया। इसके पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तरी छोटानागपुर के सहायक निदेशक उदय प्रताप एवं उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा आदि ने संयुक्त रूप से किया।
निदेशक ने कहा कि तसर उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड का स्थान विश्व में एक नंबर पर है जो यहां के लिए गर्व की बात है। इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य की नई सरकार अपेक्षित सहयोग कर रही है। कई योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। यदि हमारा प्रयास पूर्व की भांति भी जारी रहा तो विश्व के पटल पर झारखंड का नाम मजबूत होकर उभरेगा। बीते वर्ष 2372 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था। नए साल में इसे बढ़ाकर तीन हजार मीट्रिक टन करने पर जोर दिया गया। नई तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से उस मुकाम तक पहुंचा जा सकता है।
उपायुक्त ने कहा कि रेशम उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक साबित हो रहा है। इस व्यवसाय से जुड़कर लोग अपनी आय वृद्धि कर रहे हैं जिससे पलायन रोकने में भी सफलता मिल रही है। उन्होंने लोगों से तसर के कोकुन उत्पादन तक ही सीमित नहीं रहने की बात कही। लोगों से पोस्ट कोकुन के क्षेत्र में भी दायरा बढ़ाने को कहा। कहा कि वर्ष 2030 तक पांच हजार मीट्रिक टन उत्पादन करने का लक्ष्य है। निदेशक ने कहा कि वर्तमान समय में इस व्यवसाय से झारखंड में सवा लाख लोग जुड़े हुए हैं। यदि हम इस लक्ष्य को प्राप्त करते हैं तो ढाई लाख परिवार भी इस व्यवसाय से जुड़ जाएंगे जिससे झारखंड की अर्थव्यवस्था मजबूत करने में तसर उद्योग का अहम योगदान रहेगा।
पर्यावरण संतुलित करने में भी कारगर : कहा कि यह उद्योग न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने में सहायक बन रहा है बल्कि पर्यावरण संतुलन और झारखंड की संस्कृति बचाने में भी सहायक साबित हो रहा है।
उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित: तसर उत्पादन के क्षेत्र मे बेहतर कार्य करनेवाले पदाधिकारियों, कर्मियों और किसानों को सम्मानित किया गया। सहायक उद्योग निदेशक सह कार्यक्रम के आयोजक पीतांबर झा ने कहा कि तसर उद्योग को इस मुकाम तक ले जाने में विभागीय पदाधिकारियों, कर्मियों और किसानों ने अपना योगदान समान रूप से दिया है।
मौके पर झारखंड के उप निदेशक निरंजन तिर्की, सहायक उद्योग निदेशक सुधीर कुमार सिंह, ललन कुमार सिंह, डॉ. पी अशोक राजनंदन वर्मा, सुनील कुमार शर्मा, शिल्वा राज, विनय कुमार झा, राजनेश्वर मिश्र, श्रवण कुमार, धनेश्वर दास सहित अन्य विभागीय पदाधिकारी, कर्मी एवं तसर किसान मौजूद थे।
मंच संचालन सेवानिवृत्त अग्र परियोजना पदाधिकारी मो. नईमुद्दीन ने किया। धनबाद के गोविदपुर के पीपीओ के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें सम्मानित कर विदाई दी गई।