प्रताड़ना का आरोप लगा वनरक्षियों ने दी सामूहिक इस्तीफे की धमकी
है। भयादोहन और प्रताड़ता से आहत हो वनरक्षियों ने ऐसा कदम उठाने का निर्णय लिया है। झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के जिलाध्यक्ष विष्णु किस्कू और जिला मंत्री संजय कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि पदाधिकारी द्वारा भयादोहन किया जा रहा है। वनर
गिरिडीह : पश्चिमी वन प्रमंडल के अंतर्गत कार्यरत वनरक्षियों ने सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी दी है। प्रताड़ना का आरोप लगाकर वनरक्षियों ने ऐसा करने की धमकी दी है। झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के जिलाध्यक्ष विष्णु किस्कु और जिला मंत्री संजय कुमार ने कहा कि पदाधिकारी द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। वनरक्षियों को धमकी दी जा रही है। अधिकारी विभागीय नियमों को ताक पर रख स्थानांतरण व पदस्थापन कर रहे हैं। प्रमंडलीय पदाधिकारी की मनमानी के खिलाफ कई बार पत्र के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई गई। संघ के राज्य स्तरीय पदाधिकारी और झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के कई वरीय पदाधिकारियों के साथ जिले के वनरक्षियों की मांगें व ज्वलंत समस्याओं को लेकर सीएफ से वार्ता की गई। सीएफ ने डीएफओ के आदेश को तत्काल निरस्त करने का निर्देश दिया। इसके बावजूद 25 जनवरी को डीएफओ ने नियुक्ति नियमावली को दरकिनार करते हुए कुछ वनरक्षियों का वनपाल का प्रभार एवं पदस्थापन का पत्र निर्गत किया है। डीएफओ की इस कार्रवाई को लेकर जिले के सभी वनरक्षी आक्रोशित हैं। वनरक्षी भय के माहौल में काम करने को विवश हैं। डीएफओ की मनमानी और शोषण की नीति को नहीं रोका गया तो सभी वनरक्षी सामूहिक रूप से त्याग पत्र देने को बाध्य होंगे।
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वर्जन :
वनरक्षी गलत आरोप लगा रहे हैं। अभी वनरक्षियों की सेवा की संपुष्टि भी नहीं हुई है। ऐसे में उन्हें ऐसा आरोप लगाने का अधिकार किसने दे दिया। वह सरकारी तंत्र में काम कर रहे हैं। सरकार का काम नियम के तहत होता है। अगर वह गलत कर रही होतीं तो अधिकारी उन पर कार्रवाई करते।
ममता प्रियदर्शी, डीएफओ पश्चिमी