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सड़कें चकाचक, स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल

गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र में शहर और उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़ सहित सदर प्रखंड का कुछ हिस्सा समाहित है। दो बार से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व विधायक निर्भय कुमार

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 09:00 AM (IST)
सड़कें चकाचक, स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल
सड़कें चकाचक, स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल

ज्ञान ज्योति, गिरिडीह :

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गिरिडीह विधानसभा क्षेत्र में शहर और नक्सल प्रभावित पीरटांड़ सहित सदर प्रखंड का कुछ हिस्सा भी समाहित है। दो बार से इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व विधायक निर्भय कुमार शाहाबादी कर रहे हैं। वर्ष 2009 में वह झाविमो के टिकट पर इस क्षेत्र से चुनाव लड़कर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। वर्ष 2014 के विस चुनाव में उन्होंने झाविमो को अलविदा कह भाजपा का दामन थामा। भाजपा के टिकट पर ही चुनावी मैदान में उतरे और झामुमो प्रत्याशी सुदिव्य कुमार सोनू को शिकस्त देकर दुबारा विधानसभा पहुंचे थे।

विधायक शाहाबादी के पिछले पांच साल के कार्यकाल को देखें तो उन्होंने क्षेत्र का विकास और जनता की समस्याओं का समाधान करने का पूरा प्रयास किया। सड़कों को चकाचक करने पर उनका जोर तो रहा, लेकिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में उतना विकास नहीं हो सका।

शहर से लेकर उग्रवाद प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सड़कें बनीं। 130 किमी. से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण कराया। शहरी क्षेत्र की 8.5 किमी. सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी से प्रारंभ कराया। शहर के चतरो से बड़ा चौक तक 22.5 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण की स्वीकृति दिलाते हुए काम प्रारंभ कराया। चैताडीह से डुमरी जाने वाली सड़क सु²ढ़ीकरण का कार्य उनके प्रयास से ही प्रारंभ हो सका है। पीरटांड़ में पांच और गिरिडीह में तीन महत्वपूर्ण पुलों के निर्माण की स्वीकृति दिलाई। हालांकि अभी भी शहर की कई सड़कों की स्थिति नहीं सुधर पाई है।

शिक्षा के क्षेत्र में भी विधायक की पहल का सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है, तो जनता को बिजली-पानी जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने में भी गंभीरता पूर्वक पहल की है, लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई रही। विधायक जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में पीछे रह गए।

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पांच बड़े मुद्दे

1. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा :

विधायक ने पीरटांड़ में डिग्री कालेज और एकलव्य विद्यालय की स्थापना कराई। गिरिडीह कालेज में बहुद्देशीय परीक्षा भवन निर्माण की स्वीकृति दिलाई। बालिका उच्च विद्यालय पचंबा के लिए नए भवनों के निर्माण की स्वीकृति दिलाई। आरके महिला कालेज में चहारदीवारी तथा सर जेसी बोस बालिका उच्च विद्यालय में शौचालय, साइकिल स्टैंड, सांस्कृतिक शेड का निर्माण कराया। अपने क्षेत्र में नर्सिंग स्कूल की स्थापना की स्वीकृति दिलाते हुए इसका निर्माण प्रारंभ कराया। इंजीनियरिग कॉलेज खोलने की स्वीकृति दिलाई।

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निर्भय शाहाबादी : शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का मेरा पूरा प्रयास रहा है। नर्सिंग स्कूल की स्थापना कराई। इंजीनियरिग कॉलेज की भी स्वीकृति दिलाई है, लेकिन स्थल को लेकर इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।

सुदिव्य कुमार सोनू : गिरिडीह में बीते दस सालों में एक भी बड़ा शिक्षण संस्थान नहीं खुला है। केबी सहाय के समय में ही गिरिडीह कॉलेज खुला था। मेडिकल कॉलेज कोडरमा चला गया। इसे जनप्रतिनिधि गिरिडीह नहीं ला सके। इससे यहां के जनप्रतिनिधियों की विफलता उजागर होती है।

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2. दुरुस्त हुई आधारभूत संरचना, बनी रही बिजली समस्या

क्षेत्र की जनता को नियमित और निर्बाध बिजली मिले, इसके लिए पावर ग्रिड की स्थापना कराने के साथ-साथ बस पड़ाव, प्रखंड कार्यालय और हरलाडीह में पावर सब स्टेशन का निर्माण कराया, जबकि बदडीहा, श्रीरामपुर और परसाटांड़ में पावर सब स्टेशन निर्माण की स्वीकृति दिलाई है। प्रत्येक गांव-टोले में बिजली पहुंचाई। साथ ही पूर्व में गांवों में लगाए गए 16-16 केविए के ट्रांसफॉर्मर को हटाकर उच्च क्षमता 25-25 केविए का ट्रांसफार्मर लगवाया। शहरी क्षेत्रों में कई अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर दिलवाया। ट्रांसफार्मर मरम्मत केंद्र की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी कराया। इसके बावजूद पूरी तरह बिजली समस्या से निजात नहीं मिल पाई है।

निर्भय शाहाबादी : बिजली समस्या का समाधान करना मेरी प्राथमिकताओं में शुमार रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में मेरे प्रयास से उच्च क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाए गए, जिससे पहले की तुलना में अब अच्छी बिजली मिल रही है। शहर में भी विद्युत आपूर्ति की स्थिति सुधरी है। पावर ग्रिड का निर्माण अंतिम चरण में है।

सुदिव्य कुमार सोनू : पूरे पांच साल तक बिजली की स्थिति क्या रही, यह किसी से छिपा नहीं है। नियमित बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। चाहे शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र, कहीं भी सही से बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त करने में विधायक विफल रहे हैं।

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3. धरातल पर उतरीं कई जलापूर्ति योजनाएं

क्षेत्र की जनता को जल संकट से निजात दिलाने के लिए विधायक की पहल पर कई जलापूर्ति योजनाएं धरातल पर उतारी हैं। कमलजोर, जुबलीपीट, पतरोडीह आदि क्षेत्रों में सीसीएल की बंद खदानों से फिल्टर कर पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। मधुबन जलापूर्ति योजना का निर्माण पूर्ण कर जलापूर्ति शुरू कर दी गई है। उदनाबाद और सिहोडीह में जलापूर्ति योजना का काम तीव्र गति से चल रहा है।

निर्भय शाहाबादी : मेरे विधानसभा क्षेत्र में कई जलापूर्ति योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। कई जलापूर्ति योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। पीरटांड़ के चिलगा, विशनपुर, राजोडीह आदि गांवों में बराकर नदी से जलापूर्ति करने संबंधी योजना की स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए टेंडर भी हो चुका है। सीसीएल की बंद खदानों से भी कई गांवों में जलापूर्ति शुरू की गई है।

सुदिव्य कुमार सोनू : पेयजल संकट एक बड़ी समस्या है, लेकिन जनप्रतिनिधि का ध्यान इस ओर नहीं रहा। हर जगह लोग जल संकट से जूझते रहे हैं। इसका समाधान नहीं किया जा सका है। खासकर गर्मी के दिनों में पूरे इलाके में पानी के लिए हाहाकार मच जाता है। जनता की इस अहम समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।

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4. कृषि

कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को सुविधाएं मुहैया कराने पर भी विधायक का ध्यान रहा। उन्होंने पाठकहीर में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराया। साथ ही सिचाई के लिए पीरटांड़ सहित गिरिडीह में भी कई कई तालाबों का जीर्णोद्धार कराया। कई तालाबों व चेकडैमों का निर्माण कराया।

निर्भय शाहाबादी : हर खेत को पानी और किसानों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का मेरा प्रयास रहा है। इसके लिए तालाबों का निर्माण व जीर्णोद्धार, चेकडैमों का निर्माण आदि कराया। पीरटांड़ में सीतानाला का बर्बाद हो रहे पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए बाबूबांध का जीर्णोद्धार कराने की दिशा में भी पहल की है।

सुदिव्य कुमार सोनू : किसानों को सिचाई की सुविधा देने के लिए कोई काम नहीं हुआ है। सिचाई सुविधा के अभाव में आज भी किसान सही से खेती नहीं कर पा रहे हैं। सीसीएल की बंद चानकों में अथाह पानी पड़ा है। उस पानी का उपयोग सिचाई और पेयजल के लिए किया जा सकता था।

5. चिकित्सा के क्षेत्र में बदहाल रहा इलाका

स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास तो विधायक ने किया, लेकिन इसमें उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली। क्षेत्र की जनता बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए तरसती रही। पूरे पांच साल डॉक्टरों और कर्मियों का टोटा लगा रहा, जिस कारण लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया। इसके अलावा सदर अस्पताल में आइसीयू और बर्न यूनिट तक की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। इस क्षेत्र में कहीं भी ट्रामा सेंटर का निर्माण नहीं कराया जा सका।

निर्भय शाहाबादी : स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने का पूरा प्रयास किया। पीरटांड़ के हरलाडीह में अस्पताल निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है, जबकि मधुबन में सीएचसी निर्माण को ले टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। चैताडीह में मातृ-शिशु स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण और संचालन प्रारंभ कराया गया। विधायक ने कई संस्थाओं को पांच एंबुलेंस एवं ब्लड बैंक व रेडक्रास को जेनरेटर प्रदान किया है। ट्रामा सेंटर के लिए विधानसभा में आवाज उठाई।

सुदिव्य कुमार सोनू : सदर अस्पताल रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है। पैर की हड्डी टूटने पर भी मरीज को रेफर कर दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में ताले लटके रहते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्या काम हुआ है।

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आमने-सामने

निर्भय शाहाबादी : भाजपा का मूल मंत्र सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के आधार पर मैंने पूरे पांच साल तक काम किया। जनता को बेहतर शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल, आवागमन सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराने और क्षेत्र का सर्वांगीण विकास करने पर पूरा जोर दिया। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। मेरे कार्य काल में क्षेत्र का तेजी से विकास भी हुआ है। उग्रवाद प्रभावित पीरटांड़ प्रखंड विकास से हमेशा वंचित रहा, जहां मैंने विकास की किरण पहुंचाई। बिना भेदभाव के सभी जाति, धर्म और वर्ग के लिए एक समान काम किया। मैं हमेशा जनता से जुड़ा रहा। लौह उद्योग के लिए गिरिडीह में रैक प्वाइंट की व्यवस्था और माइका उद्योग के लिए माइंस का आवंटन नहीं करा सका। हालांकि रैक प्वाइंट के लिए मैंने तत्कालीन रेलवे मंत्री से बात की थी।

सुदिव्य कुमार सोनू : विधायक ने अपने कार्यकाल में एक भी ऐसा काम नहीं किया, जिसे वह अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में गिना सकें। जनता की किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है। पांच साल पहले जो समस्याएं थीं, वे आज भी विराजमान हैं। विधायक के पास विजन का अभाव रहा। क्षेत्र की बेहतरी के लिए इन्होंने कोई प्रयास नहीं किया। बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला। उद्योग-धंधे भी मरणासन्न स्थिति में हैं। इस पर भी विधायक ने कोई पहल नहीं की। वर्तमान विधायक के कार्यकाल में एक भी बड़ा शिक्षण संस्थान क्षेत्र में नहीं खुला। मेडिकल कॉलेज भी कोडरमा चला गया। यह जनप्रतिनिधियों की विफलता नहीं तो और क्या है? वे विधायक मद से पुल-पुलिया और सड़क बनवाकर सर्वांगीण विकास की बात कर रहे हैं, जबकि केवल पुल-पुलिया और सड़क बनवाना ही जिम्मेवारी नहीं है।

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महासमर : रिपोर्ट कार्ड प्रतिक्रिया

निर्भय शाहाबादी 10 साल से विधायक हैं। इसके बावजूद पीरटांड़ में बहुत ऐसे गांव हैं, जहां अभी तक रोड़ नहीं बना है और न ही पेयजल की उचित व्यवस्था हो पाई है। वर्तमान विधायक के कार्य से मैं खुश नहीं हूं।

संदीप कुमार

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वर्तमान विधायक का काम गली स्टार पर दिखता है। धरातल पर सही नहीं है। ये खास व्यक्तियों के नेता हैं। आम आदमी से इनका कोई लगाव नहीं है। इनके कार्यों से मैं बिल्कुल संतुष्ट नहीं हूं। ये हिन्दू के नाम पर वोट ले सकते हैं, लेकिन विकास के नाम पर नहीं।

कर्मवीर पंडा

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विधायक ने पीरटांड़ के सुदूर गांव हरलाडीह में विकास की किरण पहुंचाने का काम किया है, लेकिन अभी भी यहां के लोग कई समस्याओं से जकडे हैं। बेरोजगारी, पलायन, गरीबी, अशिक्षा जैसी समस्याओं से लोग जूझ रहे हैं। इन समस्याओं के समाधान नहीं किया गया।

उपेंद्र कुमार पंडित

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हमारे गांव में विधायक शाहाबादी ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया है। वे अपने पहले के वायदों को पूरा नहीं करते हैं। पुन: जब वोट मांगने आते हैं तो उसे ही दोहराते हैं। चुनाव जीतने के बाद अपने कुछ खास व्यक्तियों को ही योजनाओं का लाभ देतें हैं।

नवीन सिंह

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विधायक शाहाबादी ने पीरटांड़ की तस्वीर बदलने का काम किया है। पहले जहां बाइक से जाना मुश्किल था, वहां अब बड़े-बड़े वाहन जा रहे हैं। बराकर नदी में तीन पुलों का निर्माण उन्होंने कराया है।

रामकिशुन सिंह


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