खूनी संघर्ष की ओर बढ़ रही वर्चस्व की जंग
खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआइटी) में चल रही वर्चस्व की जंग अब खूनी संघर्ष की ओर बढ़ने लगी है। दहशत के बीच यहां विद्यार्थी पढ़ाई करने को विवश हैं। शनिवार को एक बार फिर दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। हवाई फायरिग भी हुई।
गिरिडीह : खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआइटी) में चल रही वर्चस्व की जंग अब खूनी संघर्ष की ओर बढ़ने लगी है। दहशत के बीच यहां विद्यार्थी पढ़ाई करने को विवश हैं। शनिवार को एक बार फिर दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। हवाई फायरिग भी हुई। इसी के साथ यहां बड़ा हादसा होते-होते बचा। येन मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन ने स्थिति को काबू में किया। साथ ही कॉलेज परिसर के बाहर निषेधाज्ञा लगा दी गई है। प्रबंधन की इस लड़ाई में सैकड़ों विद्याíथयों का भविष्य भी दाव पर लग गया है।
बता दें कि शुक्रवार को कॉलेज प्रबंधन से जुड़े एक पक्ष के आशुतोष पांडेय आदि केआइटी पहुंचे थे। उस समय दोनों पक्षों में तनाव और विवाद हुआ था। मामला पुलिस प्रशासन तक पहुंचा था। शनिवार को एक बार फिर आशुतोष पांडेय अपने पक्ष के लोगों के साथ वहां पहुंचे। अंदर प्रवेश करने को लेकर विवाद हुआ और सुरक्षाकर्मी सुदामा यादव ने फायरिग कर दी। सुरक्षाकर्मी ने बताया 20-25 लोग आए और जबर्दस्ती कॉलेज में प्रवेश करने का प्रयास करने लगे। मना करने पर धक्कामुक्की करने लगे। हथियार छीनने का भी प्रयास किया। इसे देखते हुए सुरक्षा प्रबंधक प्रकाश सिंह के कहने पर उसने एक बार हवाई फायरिग की। फायरिग करने के बाद आए उपद्रवी तत्व के लोग फरार हो गए। सुरक्षा कर्मी धनेश्वर मंडल ने बताया कि ये लोग कल भी आए थे और मारपीट की थी। साथ ही बुरा अंजाम भुगतने की की धमकी देकर गए थे। यदि हवाई फायरिग नहीं की जाती तो उन लोगों के साथ कोई अनहोनी हो सकती थी।
जान मारने की थी मंशा :आशुतोष पांडेय ने बताया कि अभी कॉलेज का संचालन कर रहे अरविद मंडल ने उन पर फायरिग की है। जान मारने की नियत से उन पर फायरिग की गई। मंडल ने काफी गुंडों को भी कॉलेज में बुला रखा था। फायरिग की सूचना उन्होंने पुलिस को दी। तत्काल पुलिस पहुंची, जिस कारण उनकी जान बच गई। बताया कि वे लोग कल भी कॉलेज आए थे, उस समय भी उनलोगों को कॉलेज में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था। बताया कि करीब 21 माह से कॉलेज का बैंक खाता फ्रीज किया हुआ है। इस बीच 13.55 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन कॉलेज में हुआ है। इस पैसे का मंडल ने गबन कर लिया है। 9 में से 7 ट्रस्टियों को कॉलेज में घुसने नहीं दिया जाता है, जबकि किसी भी जांच कमेटी ने बहुमत ट्रस्टियों को कॉलेज जाने से रोका है। कोर्ट का भी ऐसा कोई आदेश नहीं आया है। अरविद मंडल ने जबरन कॉलेज पर अपना कब्जा कर लिया है।
लूटपाट करने की नियत से आए थे पांडेय : मंडल ने कहा कि आशुतोष पांडेय और उनके पक्ष के लोग लूटपाट करने और उपद्रव करने के उद्देश्य से कॉलेज आए थे। कॉलेज के अंदर 20-25 लोग जबर्दस्ती घुस गए जबकि बाहर 100-150 लोग थे। सुरक्षा कर्मियों ने सभी को रोकने का प्रयास किया, लेकिन वे लोग सुरक्षा कर्मियों से उलझ गए। इस दौरान सुरक्षाकर्मी ने अपनी रक्षा में हवाई फायरिग की है। उन्होंने न तो फायरिग की है और न ही कोई गबन किया है। सभी आरोप गलत है। दोनों पक्षों में चल रहे विवाद का मामला अभी कोर्ट में लंबित है। इस पक्ष को न्यायालय का फैसला आने तक सब्र करना चाहिए, लेकिन वे लोग जब-तब यहां उपद्रव करने आ जाते हैं।
पुलिस ने लिया दोनों पक्षों का बयान : फायरिग की सूचना मिलने पर कॉलेज पहुंचे एसडीपीओ कुमार गौरव, दंडाधिकारी नवल किशोर हांसदा सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने दोनों पक्षों को एक साथ बैठाकर उनका बयान लिया। साथ ही आपस में विवाद का निपटारा करने का निर्देश दिया। आज की घटना को लेकर कहा कि आवेदन मिलने पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। मौके पर बेंगाबाद बीडीओ कुमार अभिषेक, सीओ संजय सिंह, इंस्पेक्टर गुलाब सिंह, थाना प्रभारी प्रशांत कुमार आदि उपस्थित थे।
विद्याíथयों को दे दी गई छुट्टी, बैग की हुई जांच :विवाद को देखते हुए एसडीपीओ ने विद्याíथयों को छुट्टी देने का निर्देश दिया। विद्याíथयों के बाहर निकलने पर पुलिस ने सभी के बैग की जांच की।
विद्याíथयों के भविष्य से न हो खिलवाड़ :हंगामा और फायरिग होने की जानकारी मिलने पर दिघरिया खुर्द के काफी ग्रामीण कॉलेज पहुंचे। ग्रामीणों ने एसडीपीओ से कहा कि उन लोगों ने यहां कॉलेज निर्माण के लिए अपनी जमीन दी है। इस उम्मीद से कि इस संस्थान में विद्याíथयों का भविष्य संवरेगा और गांव का नाम होगा, लेकिन इसके विपरित हो रहा है। दो साल से यहां विवाद चल रहा है। अब फायरिग और झड़प भी होने लगी है। इससे गांव की भी बदनामी हो रही है। मुखिया प्रतिनिधि राजेश कुमार, ग्रामीण फिरोज खान, मकबूल, अशोक राम आदि ने कहा कि कॉलेज का विवाद अविलंब खत्म कराएं और बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बचाएं।