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साहित्यकार राजदीप पंचतत्व में विलीन

गिरिडीह के जाने माने साहित्यकार राजदीप गुप्ता सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके बड़े बेटे संजय गुप्ता ने उन्हें मुखाग्नि दी। राजदीप गुप्ता का रविवार शाम निधन हो गया था। स्टेशन रोड स्थित अपने आवास पर रविवार शाम को उन्होंने अंतिम सांसें ली। वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनकी मौत से परिजनों और उनके चाहने वालों में शोक का माहौल है। उनके निधन की खबर मिलते ही उनके स्वजनों और चिर-परिचित लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना प्रकट की।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 12:51 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 06:34 AM (IST)
साहित्यकार राजदीप पंचतत्व में विलीन
साहित्यकार राजदीप पंचतत्व में विलीन

गिरिडीह : गिरिडीह के जाने माने साहित्यकार राजदीप गुप्ता सोमवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके बड़े बेटे संजय गुप्ता ने उन्हें मुखाग्नि दी। राजदीप गुप्ता का रविवार शाम निधन हो गया था। स्टेशन रोड स्थित अपने आवास पर रविवार शाम को उन्होंने अंतिम सांसें ली। वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनकी मौत से परिजनों और उनके चाहने वालों में शोक का माहौल है। उनके निधन की खबर मिलते ही उनके स्वजनों और चिर-परिचित लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर शोक संवेदना प्रकट की।

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राजदीप गुप्ता की पहचान एक जागृत साहित्यकार की थी। कम उम्र में ही उन्हें इलाहाबाद, पटना, बनारस जैसे साहित्यिक स्थानों में नामचीन लेखकों के संगत में रहने का अवसर मिला था। उन्होंने वर्षों तक पटना और इलाहाबाद में कई बड़े प्रकाशन संस्थानों में कार्य किया। श्री गुप्ता के आलेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में लगातार प्रकाशित होते रहे हैं। विभिन्न नामचीन लेखकों के साथ उनके पत्राचार से संबंधित'स्वर्ण पत्र'नाम पुस्तक काफी चर्चित रहा। उन्हें साहित्यिक लेखों, तस्वीरों और अखबारी कतरन को सहेजने का शौक भी था। इस पर उन्होंने विषयवार दर्जनों फोटो एलबम बनाया था। जो न सिर्फ दुर्लभ है, बल्कि जानकारियों का खजाना है। साहित्यिक उपलब्धियों के लिए उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया गया था। सामाजिक क्षेत्र में भी स्व. गुप्ता काफी सक्रिय थे। अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य सभा के अध्यक्ष के दायित्व का निर्वाह भी उन्होंने लंबे समय तक किया था। राजदीप गुप्ता के निधन पर साहित्य जगत में शोक की लहर है। डॉ. आरती वर्मा, डॉ. मधुश्री सेन सान्याल, शंकर पाण्डेय, मोईनुद्दीन शमसी, परवेज शीतल, उदय शंकर उपाध्याय, रीतेश सराक, डॉ. छोटू प्रसाद, बद्री दास, अभिनव उपाध्याय, महेश अमन, रामकुमार सिन्हा, प्रभाकर, ममता बनर्जी, आलोक रंजन, महेंद्र नाथ गोस्वामी, डॉ. अनुज कुमार, अनिल सिन्हा, ज्ञानचंद जैन, सुधांशु कुमार, सिलास सिंह, हलीम असद, कृष्ण मुरारी शर्मा समेत रांची, देवघर, धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग, पटना, बोकारो समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों के लेखकों, पत्रकारों, शिक्षाविदों और बुद्धिजीवियों ने दिवंगत राजदीप के निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए इसे साहित्यिक जगत की अपूरणीय क्षति बताया है।


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