इंटक ने एफडीआइ का किया विरोध
गिरिडीह कोलियरी के ओपेनकाष्ट माइंस में सोमवार को राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ इंटक की सभा हुई। जिसमें कोल सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई के विरोध में कोयला उद्योग में मंगलवार 24 सितंबर 2019 को एक दिवसीय हड़ताल* को लेकर विरोध जताया गया सभा में आरसीएमएस के *क्षेत्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद डॉ सरफराज अहमद जी ने एफडीआई की मंजूरी से होने वाले नुक़सान के बारे में विस्तृत से कर्मचारियों को बताया केन्द्र सरकार ने कोल इंडिया में सौ फीसदी विदेशी
बनियाडीह(गिरिडीह) : गिरिडीह कोलियरी के ओपेनकास्ट माइंस में सोमवार को राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ इंटक की सभा हुई। इसमें कोल सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआइ के विरोध में कोयला उद्योग में मंगलवार 24 सितंबर को हड़ताल का समर्थन करते हुए प्रदर्शन किया गया। आरसीएमएस के क्षेत्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद सरफराज अहमद ने एफडीआइ की मंजूरी से होनेवाले नुकसान के बारे में विस्तृत रूप से कर्मचारियों को जानकारी दी। कहा कि केंद्र सरकार ने कोल इंडिया में सौ फीसद विदेशी निवेश करने का निर्णय लिया है जो कि गलत है। कोल इंडिया के सभी कंपनी को मिलाकर एक कंपनी बनाने व मजदूर शब्द को हिन्दुस्तान से मिटाने का फैसला सरकार ने लिया है। वेज कोड विल ने मजदूर के सभी अधिकारों को छीन लिया है। ट्रेड यूनियन बनाना अब जटिल काम हो गया है। 25 लाख करोड़ का काला धन विदेश से लानेवाले सरकार ने रिजर्व बैंक से एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए निकालकर इस देश को कंगाल बनाने का राष्ट्रविरोधी काम किया है। कोयला उद्योग में 100 प्रतिशत विदेशी पूंजी के निवेश का फैसला कर सरकार ने लाखों कोयला मजदूरों के जीवन में आग लगाने का काम किया है। इस काले कानून के खिलाफ कोयला मजदूरों ने चार श्रम संगठनों के नेतृत्व में हड़ताल करने का फैसला किया है। सभी मजदूर भाई बहनों से अपील की गई है कि कि 24 सितंबर को कोयला उद्योग में ऐतिहासिक हड़ताल करने के लिए अभी से प्रचार प्रसार में जुट जाएं। आरसीएमएस के क्षेत्रिय सचिव एनपी सिंह बुल्लू ने उनकी मांगों के बारे में बताया कि सरकार कोल इंडिया में 100 प्रतिशत एफडीआइ के फैसले को वापस ले, कोयला खदानों में चालू ठेका प्रथा को वापस करे, पूर्व की भांति कंपनी में 9.4.0 एवं अन्य नियोजन को चालू रखे व 80 हजार रुपए सालाना बोनस का तत्काल भुगतान करें। सभा को सफल बनाने में मुख्य रूप से बलराम यादव, संतोष कुमार, प्रदीप दराद, मो. ताजउद्दीन, अर्जुन मंडल, भेखलाल सूड़ी, हासिम अंसारी, हैदर अली, सिकंदर ठाकुर आदि मौजूद थे।