हत्या के प्रयास में तीन भाईयों को पांच साल की सजा
घुसते ही उनलोगों ने कहा कि सभी यहां से बाहर निकलो यह उनके हिस्से की जमीन है । उन सभी लोगों का 20 साल पहले घरैया बंटवारा हो चुका है। वह उसी घर में उसी समय से रह रहा है। कहा था कि सभी मिलकर रड़ से मारकर उसका पैर तोड़ दिया और टांगी से मारकर उसका सर फोड़ दिया जिससे वह जख्मी हो गया था। उसे बचाने उसकी पत्नी आई तो उसे भी मारकर घायल कर दिया गया।
गिरिडीह:जिला जज वन रामबाबू गुप्ता की अदालत ने सोमवार को हत्या के प्रयास में तीन लोगों को दोषी पाकर पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही कुल 28 हजार 500 सौ रुपए का अर्थदंड जमा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा तीन साल से लेकर एक साल तक अन्य धाराओं में सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। वहीं जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर तीनों को अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा पानेवालों में कैलाश यादव, नरेश यादव और सूरज यादव शामिल हैं। इस मामले में सूरज और नरेश पूर्व से जेल में बंद हैं। वहीं कैलाश को सजा सुनाए जाने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया गया।घटना तिसरी थाना के सिघो गांव की है । जमीन विवाद को लेकर हुआ था विवाद। इस कांड के सूचक कारु यादव और सजा पानेवाला आपस में गोतिया हैं। इस मामले के सूचक ने 13 अक्तूबर 2013 को प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि 10 अक्तूबर 2010 की रात आठ बजे वह अपने घर पर अपनी पत्नी से बातचीत कर रहा था। इसी बीच अचानक उसके घर के दरवाजे पर कोई जोर-जोर से धक्का देना लगा। जब उसने कहा कि कौन है तब उसकी आवाज सुनकर लगभग आठ-दस की संख्या में लोग उसके घर के दरवाजे को तोड़कर घुस गए। सभी हरवे हथियार से लैश थे। घुसते ही उनलोगों ने कहा कि सभी यहां से बाहर निकलो, यह उनके हिस्से की जमीन है । उन सभी लोगों का 20 साल पहले घरैया बंटवारा हो चुका है। वह उसी घर में उसी समय से रह रहा है। कहा था कि सभी मिलकर रड़ से मारकर उसका पैर तोड़ दिया और टांगी से मारकर उसका सर फोड़ दिया जिससे वह जख्मी हो गया था। उसे बचाने उसकी पत्नी आई तो उसे भी मारकर घायल कर दिया गया।
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केआइटी के पूर्व सचिव व पूर्व प्राचार्य ने किया सरेंडर:
जागरण संवाददाता, गिरिडीह: खंडोली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पूर्व उप सचिव सचिव आशुतोष कुमार पांडेय और पूर्व प्राचार्य राजेश रंजन ने सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी बीसी सामाड की अदालत में सरेंडर कर दिया। न्यायालय ने दोनों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया। दोनों पर न्यायालय में अनुपस्थित रहने पर बंधपत्र खंडित किया गया था। दोनों के खिलाफ बीरेन्द्र कुमार ने न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया था। इसमें दोनों पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड़यंत्र रचने का आरोप लगाया गया था। मामला अभी न्यायालय में लंबित है।
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दुष्कर्म के आरोपित ने किया सरेंडर
जागरण संवाददाता, गिरिडीह:बिरनी थाना क्षेत्र में हुए दुष्कर्म के मामले में नामजद आरोपित ने सोमवार को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश रामबाबू गुप्ता की अदालत में सरेंडर कर दिया। आरोपित सद्दाम अंसारी घटना के बाद से फरार चल रहा था। उसने पुलिस दबिश के कारण सरेंडर किया। न्यायालय ने आरोपित को न्यायिक हिरासत में लेकर सेंट्रल जेल भेज दिया। आरोपित सद्दाम पर अपने ही गावं के स्कूली छात्रा के साथ दुष्कर्म करने का आरोप था। सद्दाम के खिलाफ छात्रा ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि बीते 16 अगस्त की सुबह 9 बजे रोज की तरह साइकिल से स्कूल जा रही थी। वह सद्दाम के घर के पास पहुंची तो दरवाजे पर बैठा था। उसे रोक कर कहा कि उसके पास साइंस की किताब है जो उसके लिए जरूरी है। वह किताब देने के बहाने घर के अंदर ले गया और उसके साथ चाकू का भय दिखाकर दुष्कर्म किया। जब वह रोने और हल्ला करने लगी तो वह भाग गया। उसकी साइकल सद्दाम के दरवाजे पर ही खड़ी थी। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता का 164 के तहत बयान कराया था जिसमें उसने घटना का समर्थन किया था।