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डाककर्मियों के व्यवहार से आहत हो मांगी इच्छामृत्यु

प्रधान डाकपाल एवं उनके अधीनस्थों के अत्यंत आपत्तिजनक व्यवहार से आहत गिरिडीह बरवाडीह पुलिस लाइन रोड निवासी अंकुर सिघानिया ने राष्ट्रपति एवं उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को निबंधित डाक से आवेदन भेज कर इच्छा मृत्यु की मांग की है। आवेदन

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 11:49 PM (IST)Updated: Thu, 12 Sep 2019 11:49 PM (IST)
डाककर्मियों के व्यवहार से आहत हो मांगी इच्छामृत्यु
डाककर्मियों के व्यवहार से आहत हो मांगी इच्छामृत्यु

गिरिडीह : प्रधान डाकपाल व उनके अधीनस्थों के आपत्तिजनक व्यवहार से आहत गिरिडीह बरवाडीह पुलिस लाइन रोड निवासी अंकुर सिघानिया ने राष्ट्रपति व उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को निबंधित डाक से आवेदन भेजकर इच्छामृत्यु की गुहार लगाई है।

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आवेदन में पीड़ित ने लिखा है कि गिरिडीह प्रधान डाकघर में उनका एक संयुक्त बचत खाता है, जिसमें प्रावधान है कि कोई भी खाताधारक एकल रूप से उसे संचालित कर सकता है। विगत कई वर्षों से वह खाता का संचालन बगैर किसी परेशानी का कर रहा है। अंकुर ने बताया कि पिता की बरसी पर 21 फरवरी को उसने अपने खाता से कुछ रुपये निकालने के लिए आवेदन दिया था जिसे केवाइसी के आधार पर रद कर दिया गया। इसके बाद वह डाकघर जाकर केवाईसी पहचान पत्र देना चाहा जिसे डाक कर्मियों ने लेने से इन्कार कर दिया। इसका कारण पूछने पर डाक कर्मी एवं पदाधिकारीगण काफी क्रोध में आ गए और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने लगे। इसका विरोध करने पर डाक विभाग पदाधिकारी ने नगर थाना की पुलिस को बुलाकर डाकघर लूटने का झूठा आरोप लगाकर प्रताड़ित किया। पूछताछ के बाद मामले की जानकारी लेने के बाद भी पुलिस ने सबके बीच उसकी तलाशी ली। बेवजह हाजत में बंद करने की धमकी दी गई। थोड़ी देर बाद बॉंड लेकर उसे घर जाने दिया गया।

पीड़ित ने बताया कि इस मामले की शिकायत उसने सांसद, विधायक, उपायुक्त से की लेकिन डाककर्मियों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई अब तक नहीं की गई है। अंकुर ने कहा है कि अपमान के बाद एवं शिकायत पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने से अब उसकी जीने की इच्छा समाप्त हो गई है। वह अब जिंदा नहीं रहना चाहता है, उसे इच्छा मृत्यु प्राप्ति को आदेश दिया जाए।

इधर गिरिडीह प्रधान डाकघर के प्रभारी प्रधान डाकपाल मो. अलताफ ने अंकुर सिघानिया के सारे आरोपों को गलत बताया। उन्होंने बताया कि नियमानुसार उनसे केवाइसी पहचान पत्र की मांग की गई थी जिसपर वे आक्रोशित हो गए थे। बताया कि डाकघर में उनका पैसा जमा है, यह पैसा उनका है। जब चाहे वे यहां से पैसा निकासी कर सकते हैं। पैसा निकासी के लिए उन्हें कई बार सूचना भी दी गई है लेकिन वे पैसा निकालने के लिए नहीं आ रहे हैं।


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