नयनपुर में नहीं थम रहा डायरिया का प्रकोप, कैंप कर रही टीम
लोकाय पंचायत के नयनपुर गांव में तीन दिन से डायरिया के प्रकोप से दर्जनों लोग आक्रांत हुए।।तिसरी सामुदायिक अस्पताल के डॉक्टर देवव्रत व डॉक्टर महेश्वर के नेतृत्व में टीम ने कैम्प लगाकर इलाज कर स्थिति को नियंत्रण किया जा रहा है। ।सोमवार को रमिया मुर्मू स्वर्गीय थोपिया हांसदा को सलाइन दवा देकर कंट्रोल
तिसरी (गिरिडीह) : प्रखंड के नयनपुर गांव में डायरिया का प्रकोप जारी है। तीन दिन से डायरिया अपना कहर बरपा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में कैंप कर स्थिति को नियंत्रित किया है, लेकिन अब भी काफी लोग इससे पीड़ित हैं, जबकि एक महिला की मौत भी डायरिया की चपेट में आने से हो चुकी है।
बता दें कि तिसरी सामुदायिक अस्पताल के डॉ. देवव्रत व डॉ. महेश्वर के नेतृत्व में टीम गांव में कैंप लगाकर स्थिति को नियंत्रण कर रही है। कि सोमवार को रमिया मुर्मू सहित अन्य बीस डायरिया पीड़ितों का इलाज किया गया। शनिवार को इलाज के दौरान जमुनी नामक महिला की मौत हो गई थी। कई डायरिया पीड़ितों को रेफर किया गया।
बताया जाता है कि नयनपुर में डायरिया रोगियों की अचानक बाढ़ आ गई। दर्जनों लोग उल्टी दस्त से परेशान हो गए। इसकी सूचना मिलने पर स्वास्थ्य टीम ने शुक्रवार से गांव में कैम्प लगाकर कर बड़की देवी, (36), शीला देवी (32), मुन्नी हांसदा (40), शीला देवी (38) शीला मुर्मू,रीना देवी, मुन्नी बास्के, गुड़िया मुर्मू, सोनी टुडू, छोटकी सोरेन सहित कई लोग व बच्चे डायरिया से पीड़ित हैं। डॉक्टर ने ग्रामीणों को डायरिया से बचने के लिए दवा के अलावा परहेज का भी उपाय बताया। डॉ. महेश्वरम ने सभी पीड़ितों को गर्म करके पानी पीने, हल्का भोजन करने और ओआरएस पीने की सलाह दी। ग्रामीण संत मंडल व सुनील यादव के कहा कि नयनपुर गांव के लोग अधिकांश कूप का पानी पीते हैं। कूप में ब्लीचिग पाउडर नहीं पड़ने से पानी दूषित हो गया होगा, जिसका सेवन करने से डायरिया फैला है। बरसात के समय कुंआ में इस वर्ष ब्लीचिग पाउडर नहीं डाला गया था। ग्रामीणों ने बताया कि डीडीटी का छिड़काव भी नहीं हुआ है। डॉ. महेश्वर ने कहा कि कुओं ब्लीचिग पाउडर डालने के लिए सहिया को मिला था। हालांकि स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया है। टीम गांव में पीड़ितों का इलाज कर रही है। पलमरुआ, खतपोंक, गड़कुरा आदि गांवों का निरीक्षण किया गया।