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सरिया से बगोदर तक रातभर गजराज मचाते रहे तांडव, सोता रहा वन विभाग

सोमवार की पूरी रात हाथियों ने सरिया से लेकर बगोदर तक तांडव बचाया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 07:16 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:41 AM (IST)
सरिया से बगोदर तक रातभर गजराज मचाते रहे तांडव, सोता रहा वन विभाग
सरिया से बगोदर तक रातभर गजराज मचाते रहे तांडव, सोता रहा वन विभाग

सरिया : सोमवार की पूरी रात हाथियों ने सरिया से लेकर बगोदर तक तांडव बचाया। दो लोगों को कुचलकर मार डाला जबकि दो लोगों को जख्मी कर दिया। डेढ़ दर्जन से अधिक आवासों को क्षतिग्रस्त कर दिया। दो प्रखंडों की करीब दस हजार से अधिक की आबादी हाथियों के तांडव से रातभर त्राहिमाम करती रही, जबकि वन विभाग के अधिकारी सूचना देने के बावजूद चुपचाप सोए रहे। यह तांडव सरिया वन परिक्षेत्र कार्यालय से महज दो से तीन किलोमीटर के अंदर इलाके में हुआ। इसके बावजूद वन विभाग की टीम ने रात में हाथियों को भगाना या उससे लोगों को बचाना उचित नहीं समझा।

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चार हाथियों का झुंड जिसमें दो बड़े हाथी एवं दो हाथी के बच्चे थे, सरिया के चंद्रमारनी जंगल से होते हुए सरिया थाना क्षेत्र के श्री रामडीह गांव रात के 12 बजे पहुंचा। इन हाथियों के झुंड ने लगभग 6 लोगों के घरों को अपना निशाना बनाया। सभी लोग घर में गहरी नींद में सो रहे थे। इसी बीच हाथियों ने कई पक्के एवं खपरैल मकान की खिड़कियों व दरवाजे को क्षतिग्रस्त कर अनाज चट कर गए। श्री रामडीह में भी अचानक हुए हाथियों के हमलों से एक घर के अंदर सो रहे दो बच्चियों की जान बाल-बाल बची। जिस स्थान पर बच्चियां सो रही थी उसी जगह पर हाथियों द्वारा दीवार तोड़ दिया गया। कर घर के अंदर प्रवेश कर अनाज चट कर गए। हालांकि हाथियों ने इच बच्चियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।

हाथियों के गांव में प्रवेश करने की जानकारी ग्रामीणों ने रात के 12 बजे ही सरिया वन विभाग को दे दी थी। इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारियों ने सुध नहीं ली। मजबूरन ग्रामीण मशाल व पटाखों के माध्यम से हाथियों से अपनी जान बचाई। इस गांव से वन विभाग का कार्यालय महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर है। इसके बाद हाथियों का झुंड बगोदर प्रखंड अंतर्गत देवराडीह पंचायत के कौंजिया गांव रात के लगभग 2 बजे पहुंचा। यहां दो लोगों को कुचलकर मार डाला।

सूचना पाकर मंगलवार की सुबह बगोदर के पूर्व विधायक विनोद सिंह घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि घटना की सूचना वन विभाग को मिलने के बाद भी तत्परता नहीं दिखाई गई। इसके कारण इतनी बड़ी घटना घटी। सरकार सबको घर देने की बात कहती है लेकिन इस गांव में खानाबदोश लगभग 100 लोगों का परिवार बीते 10 से 15 वर्षो से निवास कर रहा है। उन्हें आज तक आवास उपलब्ध नहीं करवाया गया है। आज अगर उस परिवार के पास आवास होता तो शायद आज मासूम बच्ची की जान नहीं जाती। उन्होंने बताया कि इस घटना में विभागीय लापरवाही साफ झलक रही है। लगातार क्षेत्र में हाथियों के द्वारा कई घटनाएं अंजाम दिए जा रहे हैं। इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा कोई स्थाई समाधान निकाला नहीं जा रहा है। आज जिस क्षेत्र में हाथी प्रवेश करते हैं वहां की वन विभाग की टीम अपने क्षेत्र से हाथियों को खदेड़ कर बाहर निकाल कर अपनी समस्या खत्म करती है। इसका कोई स्थाई कोरिडोर का निर्माण किया जाना चाहिए। वहां जंगली हाथियों का निवास स्थान बने और आम लोगों की जानमाल की रक्षा हो सके। सरिया के रेंजर अभय कुमार सिन्हा ने पूर्व विधायक विनोद सिंह की उपस्थिति में दोनों मृतक परिजनों को 50 -50 हजार रुपया नगद मुआवजा राशि के रूप में दी। शेष राशि एक माह के अंदर उपलब्ध करवाने की बात कही गई। उन्होंने बताया कि हाथियों के द्वारा जानमाल के नुकसान होने पर सरकार के द्वारा चार लाख रुपये सहयोग राशि देने का प्रावधान है। इस घटना में अन्य नुकसान का भी मूल्यांकन कर सबको मुआवजा राशि भुगतान करने की बात कही। वन विभाग की टीम को स्थानीय ग्रामीणों का काफी आक्रोश का भी सामना करना पड़ा।

मृतक बच्ची के पिता धर्मेंद्र माल पहाड़ी ने बताया कि वे और उसका परिवार इस स्थान पर पिछले 15 से 17 वर्षों से निवास कर रहा है। स्थाई मकान को लेकर एवं पेयजल की सुविधा के लिए चापाकल, राशन कार्ड आदि सरकारी सेवाओं की लाभ के लिए कई बार आवेदन दिया गया। लेकिन हम गरीब परिवारों पर ना विभागीय अधिकारी की नजरे इनायत हो सकी है और ना ही किसी जनप्रतिनिधि का।


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