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विद्यालय में शिक्षक नहीं, बच्चों का टूटा सब्र का बांध

स्कूल में किया हंगामा कक्षा का बहिष्कार कर लौटे घर

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 12:41 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 06:52 AM (IST)
विद्यालय में शिक्षक नहीं, बच्चों का टूटा सब्र का बांध
विद्यालय में शिक्षक नहीं, बच्चों का टूटा सब्र का बांध

संवाद सहयोगी, गांडेय : प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय पर्वतपुर में शिक्षा विभाग के उदासीन रवैये से तंग आकर बुधवार को 9वीं व 10वीं के छात्र-छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। बच्चे स्कूल में पढ़ाने के लिए अलग से शिक्षक नहीं मिलने पर क्षुब्ध होकर हंगामे पर उतर आए। छात्र-छात्राओं ने कक्षा से बाहर निकलकर विद्यालय परिसर में हंगामा किया। बच्चों ने विभाग की मनमानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बाद में क्लास का बहिष्कार कर छुट्टी के पहले ही सभी बच्चे अपने-अपने घर चले गए।

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बता दें कि मध्य विद्यालय पर्वतपुर को वर्ष 2016 में अपग्रेड कर उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया। इसके बाद विभाग के दबाव में यहां प्रत्येक वर्ष 9 वीं एवं 10 वीं के छात्र-छात्राओं का नामांकन लिया जाने लगा, लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण विद्यालय में उच्च कक्षा के लिए अलग से शिक्षक की नियुक्ति नहीं कि गई। बच्चे बिना शिक्षक के ट्यूशन के भरोसे विद्यालय से तालीम ले रहे हैं। वहीं कभी कभार 6 - 8 कक्षा के नियुक्त शिक्षक एक घंटा के लगभग सेवा देते हैं। परंतु एक घंटा में दो उच्च कक्षा के छात्र छात्राओं को कोई खास लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में 9 वीं एवं 10 वीं के 110 छात्र-छात्राओं के भविष्य पर ग्रहण लग रहा है। इसे लेकर छात्र-छात्राओं में विभाग के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है। ट्यूशन के भरोसे मिल रही शिक्षा

यहां के विद्याíथयों ने दैनिक जागरण को पूछताछ में अपनी पीड़ा बताई। विद्यालय में अध्ययनरत दसवीं के छात्र किशुन ठाकुर ने बताया कि वह प्रतिदिन पढ़ाई के लिए विद्यालय तो पहुंचता है, लेकिन शिक्षक के अभाव में पढ़ाई नहीं हो पाती है। इस कारण ट्यूशन के भरोसे पढ़ाई कर रहे हैं। मैट्रिक परीक्षा में कम समय होने के बावजूद किसी शिक्षक को पढ़ाने के लिए नहीं दिया जा रहा है। दसवीं की छात्रा मंजू कुमारी ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई नहीं होने के कारण अलग से पैसे खर्च कर ट्यूशन पढ़ना पड़ता है। यदि एक बढि़या शिक्षक पढ़ाने के लिए मिल जाए तो ट्यूशन का अतिरिक्त खर्च बचेगा। 9 वीं कक्षा के छात्र बसंत वर्मा ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है लेकिन ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से पैसे नहीं मिलते हैं। इस कारण विद्यालय व घर पर स्वयं पढ़ाई कर रहे हैं। 9 वीं की छात्रा टिकी कुमारी ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई नहीं हो पाने के कारण ट्यूशन पढ़ना पड़ता है। एक शिक्षक ही कभी एक घंटा तक पढ़ाते हैं इससे पूरी तैयारी नहीं हो पाती है। - अभिभावकों की प्रतिक्रिया

- उक्त विद्यालय को उच्च विद्यालय में अपग्रेड तो कर दिया गया लेकिन एक भी शिक्षक नहीं दिया गया। इससे यहां पढ़ रहे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है। शिक्षक नहीं रहने की शिकायत बार-बार बच्चे करते हैं। विभाग अविलंब शिक्षक की व्यवस्था कराए।

राजेश कुमार सिंह , उच्च विद्यालय के एसएमडीसी अध्यक्ष। - उच्च विद्यालय में बच्चों का नामांकन तो होता है, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए अलग से शिक्षक नियुक्त नहीं किए गए हैं। इससे हमारे बच्चों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। विभाग इस मामले पर अविलंब पहल करे।

दुखन ठाकुर अभिभावक, देवपुर

- बच्चा घर से पढ़ाई करने की बात कहकर विद्यालय जाता है लेकिन शिक्षक के अभाव में पढ़ाई नहीं होती है। सरकार बच्चों के हक को छीन रही है। यथाशीघ्र शिक्षक की व्यवस्था की जाए।

पवन कुमार रवानी, देवपुर

शिक्षकों की कमी के कारण हमारे बच्चों को विद्यालय में समुचित पढ़ाई नहीं मिल पा रही है। सरकार अविलम्ब शिक्षक की नियुक्ति करे या विद्यालय में उच्च कक्षा का संचालन बंद करे। - विजय कुमार वर्मा पर्वतपुर


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