1932 के खतियान पर अभी निर्णय नहीं : आलमगीर
संवाददाता गिरिडीह भाजपा कर रही है सिर्फ हाईवोल्टेज ड्रामा आलमगीर आलम देवघर जाने के क्रम में गिरिडीह में रुके मंत्री जिला कांग्रेस के नेताओं ने किया स्वागत रांची से देवघर जाने के क्रम में सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री सह कांग्रेस कोटे के विधायक आलमगीर आलम शनिवार को गिरिडीह के परिसदन भवन पहुंचे। जहां जिला कांग्रेस कमेटी के साथ झामुमो अध्यक्ष संजय सिंह ने मंत्री आलमगीर आलम का स्वागत बुके देकर किया। मौके पर पत्रकारों से बातचीत के क्रम में मंत्री आलम
गिरिडीह : ग्रामीण विकास सह संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति तय करने को लेकर गठबंधन सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। यह मामला संवेदनशील है। ऐसे में गठबंधन सरकार के लिए इस पर कोई निर्णय लेना आसान नहीं है। घटक दलों से विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। मंत्री शनिवार को यहां न्यू सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। रांची से देवघर जाने के क्रम में वे कुछ देर के लिए रुके थे। इस दौरान उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों के बैठक भी की।
बाबूलाल मरांडी को प्रतिपक्ष का नेता का दर्जा देने के सवाल पर कहा कि बाबूलाल जिस दल में थे, उसके विधायकों का बहुमत उनके पास नहीं है। उनके तीन विधायकों में दो विधायक प्रदीप यादव एवं बंधु तिर्की कांग्रेस के साथ हैं। बाबूलाल अकेले हैं। ऐसे में उन्हें प्रतिपक्ष का नेता कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में निर्णय विधानसभा अध्यक्ष को लेना है। चुनाव आयोग द्वारा बाबूलाल की पार्टी के विलय को मंजूरी के सवाल पर कहा कि विलय और दलबदल अलग-अलग बात है। बाबूलाल का मामला दल बदल के दायरे में आता है। इस कारण दलबदल कानून के तहत विधानसभा अध्यक्ष फैसला लेंगे। राज्य में सीएए और एनआरसी को लेकर भी मंत्री ने सर्वदलीय बैठक में फैसला लेने की बात दुहराते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने एनपीआर को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला करने का संकेत दिया। रघुवर सरकार के कार्यकाल के सरकारी फंड का क्या असर पड़ा। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि नई सरकार का गठन हुआ, तो सिर्फ उनके ग्रामीण विकास मंत्रालय पर ही 13 हजार करोड़ की जवाबदेही बन गई है। उन्होंने रघुवर सरकार के कार्यकाल में खाली हुए सरकारी खजाने पर नाराजगी जाहिर की। मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र की जो सड़कें बनाई जाती हैं, उसके बजाय अगर पुरानी सड़क की सही तरीके से मरम्मत की जाए तो सड़कें बेहतर तरीके से चलेंगी। अधूरी सड़कों को पूरा करने की बात कही। इसके लिए रैयतों या वन विभाग की जो भी आपत्ति होगी, उसे दूर किया जाएगा। गिरिडीह पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि नरेंद्र कुमार सिन्हा छोटन, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा, नवीन चौरसिया, झामुमो के जिला अध्यक्ष संजय सिंह, शहनवाज अंसारी, इरशाद अहमद वारिस, डा. मंजू कुमारी, नवीन चौरसिया, प्रो. मुकेश साहु, शादाब अहमद, शब्बन खान, समीर राज चाौधरी समेत कई नेताओं ने उनका स्वागत किया।