पर्यावरण संरक्षण को ले पहाड़ की चोटी पर गूंजेगा राम धुन
संदीप केसरी शौर्य गढ़वा वन एवं पर्यावरण को बचाने के लिए लोग एक से बढ़कर एक कदम उठ
संदीप केसरी शौर्य, गढ़वा :
वन एवं पर्यावरण को बचाने के लिए लोग एक से बढ़कर एक कदम उठा रहे हैं। इसी में शामिल हैं गढ़वा प्रखंड के सुखबाना निवासी अरूण मिश्रा उर्फ फलाहारी बाबा। जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए पहाड़ की चोटी पर जाकर अखंड कीर्तन करने का निर्णय है। उनके प्रयास से सुखबाना से सटे लहसूनियां पहाड़ पर लोगों को 24 घंटे रामधुन सुनने को मिल सकेगा। लोग पर्यावरण एवं वन को बचाने के प्रति जागरूक हो इसको लेकर फलाहारी बाबा ने इस पहाड़ की चोटी पर अखंड हरिनाम का जाप कराने का संकल्प लिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि अखंड कीर्तन का आयोजन लगातार 12 वर्षों तक करने की घोषणा की गई है। इसके लिए पहाड़ की चोटी पर ग्रामीणों के सहयोग से सोलर लाइट, पेयजल एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। ताकि लोग वहां 24 घंटे वहां रहकर भजन कीर्तन कर सकें। लोग रात में भी पहाड़ की चोटी पर रहेंगे तथा कीर्तन का सिलसिला चलता रहेगा। ग्रामीणों द्वारा यहां अखंड दीप जलाने की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने रविवार को ग्रामीणों के साथ बैठक के उपरांत दी यह जानकारी दी। इस संबंध में फलाहारी बाबा का कहना है कि सुखबाना से सटे लहसूनियां पहाड़ में औषधियों की भरमार है। लोग यहां पहुंच कर शांति का अनुभव करते हैं। यहां की प्राकृतिक छटा अनुपम है। लोग पर्यावरण संरक्षण एवं वनों की रक्षा के लिए जागरूक हों। इसको लेकर 12 वर्षों तक अखंड हरिनाम जाप का आयोजन किया जा रहा है। आगामी 14 दिसंबर से इसकी शुरूआत होगी तथा यह क्रम लगातार चलता रहेगा। लोग बारी बारी से अखंड कीर्तन में शामिल होंगे तथा इस क्रम को टूटने नहीं दिया जाएगा। मौके पर उपेंद्र सिंह, सत्यनारायण दुबे, श्याम नारायण पांडेय, शैलेंद्र सिंह, विकेश सिंह, विक्की कुमार, शंकर विश्वकर्मा, सुरेश महतो, बिनोद जायसवाल, सुरेंद्र यादव, अमित पाठक समेत बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने फलाहारी बाबा के इस संकल्प में हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। -कहां होगा हरिनाम का जाप
गढ़वा प्रखंड के सुखबाना एवं सोनपुरवा के सिवाना पर लहसूनिया पहाड़ी अवस्थित थे। इस पहाड़ी पर औषधीय पौधों की भरमार है। इस पहाड़ी पर घटवार बाबा तीर्थ स्थल भी स्थित है। पहाड़ी की चोटी पर शिवलिग की स्थापना की गई है। जहां सावन माह में लोग बड़ी संख्या में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। पहाड़ी से आस-पास के इलाके का मनोरम ²श्य देखने को मिलता है। गढ़वा शहर से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर होने के कारण लोग यहां मार्निंग वाक के लिए भी पहुंचते हैं। इस क्षेत्र की मनोरम छटा बनी रहे इसको लेकर फलाहारी बाबा ने यहां अखंड कीर्तन करने का निर्णय लिया है। इस पहाड़ी की चोटी लगभग 200 से 500 फीट तक ऊंची है। आस-पास का इलाका इस पहाड़ी से घिरा हुआ है।