भटके लोग जिंदगी का बेहतर रास्ता चुनें
संवाद सूत्र, गढ़वा : सरेंडर करने के बाद महेंद्र ¨सह खरवार ने कहा कि वह 4 से 5 वर्ष तक म
संवाद सूत्र, गढ़वा : सरेंडर करने के बाद महेंद्र ¨सह खरवार ने कहा कि वह 4 से 5 वर्ष तक माओवादी संगठन में रहा। इस दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल से जमानत पर निकलने के बाद उसने टीपीसी संगठन बनाया। महेंद्र ने कहा कि नक्सली रहने पर दुर्दशा भरी ¨जदगी जी रहा था। एसपी मैडम के समझाने पर सरेंडर किया हूं। पहले पुलिस द्वारा धोखा देने को लेकर मन में संशय था। लेकिन पुलिस पदाधिकारी के संपर्क पर आने के बाद वह संशय समाप्त हो गया और सरेंडर करने का निर्णय लिया। महेंद्र ने भटके लोगों से सरेंडर कर बेहतर ¨जदगी जीने का रास्ता चुनने की अपील की। वहीं अक्षय ने कहा कि नादानी व नासमझी के कारण माओवादी संगठन में चला गया था। व्यवसाय के दौरान पार्टनरशीप में धोखा मिलने के बाद नक्सलवाद का रास्ता को चुना। उसने कहा कि माओवादी दस्ता को छोड़ने के बाद मुखबिरी का आरोप लगाकर माओवादियों द्वारा पोस्टरबाजी किया गया था। उसके बाद कुंठित ¨जदगी जी रहा था। इसके बाद ही मैंने पुलिस के समक्ष सरेंडर का निर्णय लिया। इस मौके पर सीआरपीएफ के द्वितीय कमान विजय शंकर मिश्रा, अभियान एसपी सदन कुमार, ओमप्रकाश तिवारी, आनंद खलखो, महेश चौधरी, रंका के एसडीपीओ विजय कुमार, गढ़वा एसडीपीओ ओमप्रकाश तिवारी समेत बड़ी संख्या में पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे।