बूढ़ा पहाड़ हमले में आंध्र प्रदेश के माओवादी नेता विश्वनाथ का हाथ
बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के खपरी महुआ गांव में मंगलवार को नक्सलियों द्वारा किए गए लैंड माइंस विस्फोट में पुलिस और सुरक्षाबलों के छह जवान शहीद हो गए थे, जबकि चार जवान गंभीर हैं।
जागरण संवाददाता, गढ़वा। बूढ़ा पहाड़ इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों को निशाना बनाए जाने की घटना को अंजाम देने में आंध्रप्रदेश के नक्सली नेता विश्वनाथ जी उर्फ संतोष दा का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विश्वनाथजी करीब दो वर्ष पूर्व से ही आंध्र प्रदेश से आकर बूढ़ा पहाड़ में शरण लिए हुए है। उसे एक करोड़ के इनामी नक्सली नेता सुधाकरण का दाहिना हाथ बताया जाता है। बताया जाता है कि विश्वनाथ को सभी तरह के विस्फोटक बनाने में महारत हासिल है।
गौरतलब है कि बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र के खपरी महुआ गांव में मंगलवार को नक्सलियों द्वारा किए गए लैंड माइंस विस्फोट में पुलिस और सुरक्षाबलों के छह जवान शहीद हो गए थे, जबकि चार जवान गंभीर हैं। घायल जवानों का रांची के मेडिका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सड़क-पगडंडी की बजाय इस बार गांव के पास ही कर दिया विस्फोट
माओवादियों ने बूढ़ा पहाड़ से सटे खपरी महुआ गांव में विस्फोट का अनूठा प्रयोग किया है। पूर्व के घटनाओं को देखा जाए तो नक्सली आम तौर पर जंगली रास्तों, पहाड़ी पगडंडी आदि जगहों पर बम बिछाकर विस्फोट किया करते थे। खपरी महुआ की घटना में उनके द्वारा गांव के पास ही श्रृंखलाबद्ध बम बिछाकर घटना को अंजाम दिया गया, जिसमें पुलिस को क्षति उठानी पड़ी।