गढ़वा में बोले Ex CM बाबूलाल, 5 साल तक हाथी उड़ाने का प्रयास करती रही रघुवर सरकार
बाबूलाल मरांडी ने मेराल हाईस्कूल के मैदान में आयोजित जनादेश सभा को संबोधित करते हुए झारखंड की रघुवर दास सरकार को निशाने पर लिया।
गढ़वा, जेएनएन। शिक्षित, स्वस्थ, स्वच्छ, स्वावलंबी एवं भ्रष्टाचार मुक्त, समृद्ध झारखंड बनाने के लिए आपसबों का आशीर्वाद, जनादेश तथा सहयोग मांगने गढ़वा आया हूं। उक्त बातें झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री तथा झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मेराल हाई स्कूल के मैदान में शुक्रवार को आयोजित जनादेश सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा के विकास के लिए अमन-चैन के साथ साथ जिम्मेदार, कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार सरकार का होना जरूरी है।
मरांडी ने रघुवर सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि इनके कार्यकाल में संसाधनों से परिपूर्ण झारखंड का विकास नहीं बल्कि विनाश किया गया है। रघुवर की सरकार पूरे 5 साल तक हाथी उड़ाने का प्रयास करती रही, लेकिन हाथी तो नहीं उड़ा बल्कि यहां की अकूत संपदा, उद्योग धंधे, रोजी रोजगार तथा 900 करोड रुपए अवश्य उड़ा दिए गए। इन्होंने कहा कि इनके रघुवर दास के कार्यकाल में एक भी उद्योग नहीं लगे। बल्कि पहले से चल रहे छोटे-बड़े हजारों उद्योग बंद हो गए।
आज झारखंड के लोग बेरोजगार होकर पलायन को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि रघुवर दास के कार्यकाल में गरीबी एवं भ्रष्टाचार चरम पर है। सड़क, बिजली, शिक्षा तथा किसानों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गयी है है। पारा शिक्षकों तथा आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ सरकार नाइंसाफी कर रही है। बाबूलाल ने लोगों को आश्वस्त किया कि अगर इस बार मेरी सरकार बनी तो सबसे पहले किसानों के खेत तक पानी तथा बिजली पहुंचाई जाएगी।
गरीब तथा पिछड़े लोगों के बच्चों को सरकारी सहयोग से निजी विद्यालयों के साथ-साथ सभी तरह की तकनीकी शिक्षा नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी। पारा शिक्षकों तथा आंगनबाड़ी कर्मियों की समस्याओं का निपटारा प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। गरीबों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा के लिए प्रत्येक पंचायत में 2 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति प्रत्येक व्यक्ति का हेल्थ कार्ड बनाने सहित सभी तरह की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मरांडी ने कहा कि सरकारी नौकरी से लेकर सभी क्षेत्रों में महिलाओं को बराबर की हिस्सेदारी दिलाई जाएगी। सरकारी कर्मियों द्वारा पुरानी पेंशन लागू करने की मांग पर उन्होंने कहा कि अगर मेरी सरकार बनी तो मैं झारखंड में पुरानी पेंशन व्यवस्था अवश्य लागू करूंगा। उन्होंने राज्य की रघुवर दास सरकार को निशाने पर लेते हुए उनकी नाकामियां गिनाईं।