झारखंड: टॉर्च की रोशनी में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग, CRPF के बीमार कांस्टेबल को किया रेस्क्यू Garhwa News
झारखंड के गढ़वा में सीआरपीएफ के 172वीं बटालियन के एक बीमार कांस्टेबल की जान बचाने के लिए रात के अंधेरे में टाॅर्च की लाइट और मोबाइल टॉर्च के सहारे हेलीकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई।
गढ़वा, जासं। झारखंड के गढ़वा में रात के घुप्प अंधेरे में टाॅर्च की लाइट के सहारे एक हेलीकॉप्टर की लैंडिंग कराई गई। सीआरपीएफ के एक बीमार कांस्टेबल की जान बचाने के लिए इस साहसिक कार्य में सुरक्षा बलों के जवानों ने अकूत साहस का परिचय दिया। सुरक्षित लैंडिंग के बाद तुरंत ही बीमार सीआरपीएफ जवान को लेकर हेलीकॉप्टर रांची रवाना हो गया। जहां आर्किड अस्पताल में बीमार जवान सुदामा का इलाज किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक गढ़वा में सीआरपीएफ की 172वीं बटालियन का कांस्टेबल देर रात गंभीर रूप से बीमार हो गया। जिसकी सूचना रांची के वरीय अधिकारियों को दी गई। इसके बाद रांची से बीमार जवान को लाने के लिए हेलीकॉप्टर भेजा गया।
टाॅर्च और मोबाइल की रोशनी के सहारे हेलीकाॅप्टर की हुई लैंडिंग
आपातकाल के दौरान हम सबों ने हेलीकाॅप्टर और हवाई जहाज को कई विपरित परिस्थितियों में लैंडिंग करते देखा होगा। लेकिन सोमवार की रात करीब 11 बजे गढ़वा के कल्याणपुर में हैलीपैड पर सीआरपीएफ 172वीं बटालियन के जवानों ने मोबाइल और टॉर्च की लाइट के दम पर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग करा ली। जिस प्रकार से अपने बीमार साथी को इलाज के लिए रांची भेजने के लिए टार्च और मोबाइल की रोशनी का सहारा लिया गया इसके लिए सीआरपीएफ के जवानों की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम होगी।
बताया गया कि रात के अंधेरे में हैलीपैड के लोकेशन का पता करने में हेलीकॉप्टर के पायलट को परेशानी हो रही थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद सीआरपीएफ के जवानों ने हेलीपैड के निकट टार्च और मोबाइल से रौशनी कर हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर को उतारने में पायलट की बखूबी मदद की। नतीजा रहा कि न केवल हेलीकॉप्टर का हेलीपैड पर सुरक्षित लैंडिंग हो सका। बल्कि बीमार सीआरपीएफ के जवान सुदामा प्रसाद यादव को इस हेलीकॉप्टर की मदद से रात में ही बेहतर इलाज के लिए रांची भेजा जा सका।
जानकारी के अनुसार सुदामा का इलाज अभी आर्किड अस्पताल रांची में चल रहा है। टार्च और मोबाइल के सहारे हेलीकॉप्टर को सुरक्षित लैंडिंग कराने में सीआरपीएफ के पदाधिकारी जेपी सिंह, सरोज कुमार टूआईपी, सूबेदार मेजर दीपक कुमार आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।