गढ़वा-शाहपुर सड़क पर ध्यान दे सरकार
- मंत्री, सांसद, विधायक व वरीय पदाधिकारी गुजरते हैं इसी जर्जर पथ से - पांच साल में भी पूरा नहीं हो सका गढ़वा शाहपुर पथ का निर्माण फोटो-जीएआरपी- 5- गढ़वा शाहपुर पथ की जर्जर स्थिति, 6- रोबिन कुमार, 7- अनिल कश्यप,
गढ़वा : जिला मुख्यालय से मेदिनीनगर व रांची जाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सड़क गढ़वा- शाहपुर पथ है। मगर इसकी स्थिति ग्रामीण सड़क से भी बदतर हो गई है। है। इस सड़क में जगह-जगह बड़े-बड़े गडढ़े हैं। बरसात के दिनों में गढ्डों में पानी भर गया है। इससे राहगीरों व वाहन चालकों की परेशानी और बढ़ गई है। जरा सी असावधानी पर दुर्घटना घट जाती है। आए दिन इस सड़क पर दुर्घटनाएं होती रहती है। मगर इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। जबकि इसी रास्ते से होकर स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, विधायक एवं जिले के वरीय पदाधिकारी रांची व मेदनीनगर से आना जाना करते हैं। बावजूद इसके इस सड़क की दुर्दशा पर किसी का ध्यान नहीं हैं। प्रशासनिक पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों के सामने ठेकेदार कान में रूई डालकर सो रहा है। मगर उसे कोई जगाने वाला भी नहीं है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। - गढ़वा शाहपुर पथ की स्थिति जिले सभी सड़कों से खराब हैं। वाहन चालक जहां थोड़ी स्पीड बढ़ाने का प्रयास करते हैं या असावधानी बरतते हैं दुर्घटना हो जाती है। इस पथ से गुजरना यानि दुर्घटना को आमंत्रित करना है। बावजूद इसके लोग आवश्यक कार्य होने कारण इस पथ का इस्तेमाल कर रहें हैं। सरकार जल्द से जल्द इस पर संज्ञान लें।
रोबिन कुमार -
जनप्रतनिधि एवं प्रशासनिक लापरवाही के कारण उक्त पथ का निर्माण पांच साल में भी पूरा नहीं हो सका है। जिसका खामियाजा गढ़वा की जनता भुगत रही है। आए दिन इस पथ में दुर्घटना होती है। मगर सड़क का निर्माण पूर्ण कराने की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं किया जा रहा है।
अनिल कश्यप -
गढ़वा शाहपुर पथ की बदहाली का कारण स्थानीय राजनेता है। जिनकी उदासीनता एवं कमीशनखोरी के कारण इस पथ का यह हाल हुआ है। ठेकेदार से कमीशन के चक्कर में पथ निर्माण में अडंगा डाल देते है। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान लेते हुए पथ का निर्माण कराएं।
गौरव पांडेय -
गढ़वा शाहपुर की स्थिति बद से बदतर है। लोगों को इस पथ से गुजरने में नाकों चने चबाना पड़ता है। पथ में बने बड़े बड़े गडढ़ों से बचकर लोग किसी प्रकार अपना सफर तय करते हैं। आए दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। मगर सड़क का निर्माण कराने के प्रति सरकार गंभीर नहीं दिखती।
विनय कुमार