Move to Jagran APP

नाटक मनोरंजन की प्राचीनतम विधा : शशिकांत

नाटक मनोरंजन की प्राचीनतम विधा है नाटक मनोरंजन की प्राचीनतम विधा है नाटक मनोरंजन की प्राचीनतम विधा है

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Dec 2018 05:52 PM (IST)Updated: Fri, 28 Dec 2018 05:52 PM (IST)
नाटक मनोरंजन की प्राचीनतम विधा : शशिकांत
नाटक मनोरंजन की प्राचीनतम विधा : शशिकांत

गढ़वा: टेंडर हा‌र्ट्स स्कूल में ¨वटर फेस्ट के तीसरे दिन शुक्रवार को बच्चों के बीच ¨हदी तथा अंग्रेजी में नाटक की प्रतिस्पर्धा आयोजित कराई गई। ¨हदी में जूनियर वर्ग में शेर पर सवा सेर नामक नाटक को विजेता घोषित किया गया। वहीं सीनियर समूह में जाति प्रथा पर आधारित एक नाटक का मंचन किया गया। जिसको चयनित किया गया। इसी तरह अंग्रेजी नाटक की प्रतियोगिता में टैगोर हाउस का नाटक बेकर दर्जन तथा सीनियर समूह में ए जस्ट जज को विजेता घोषित कर पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के समापन समारोह में शिक्षक शशिकांत तिवारी ने कहा की नाटक मनोरंजन की प्राचीनतम विधा है। यह साहित्य की एक विधा है। भाषा कोई भी हो नाटक की प्रस्तुति भाषा के स्वरूप को प्रदर्शित करता है। यह दर्शकों एवं श्रोताओं में भाषा के प्रति प्रेम को संचारित करता है। इसलिए विद्यालयों में नियमित नाटकों का मंचन होना चाहिए। जिससे हमारे भावी पीढ़ी भाषा के प्रति सतर्क एवं भाषा के संरक्षण के प्रति संकल्पित रहे ¨हदी नाटक में मंच का संचालन रागिनी सोनी तथा अंग्रेजी में मंच का संचालन शशि श्री ने किया। दोनों कार्यक्रमों के अंत में पुरस्कार का वितरण निदेशक एसएन पाठक तथा शशिकांत तिवारी ने किया। ¨हदी नाटक में निर्णायक की भूमिका रीमा खलखो, श्रीकांत तथा सरिता पाठक ने किया। अंग्रेजी नाटक में निर्णायक की भूमिका कुमारी अमन, राजदीप एवं शालिनी ने किया।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.