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तीन दिन में ही बंद हो गया रमकंडा क्रय केंद्र

रमकंडा (गढ़वा) प्रखंड में धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण उदयपुर चेटे बिराजपुर

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 04:12 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 04:12 PM (IST)
तीन दिन में ही बंद हो गया रमकंडा क्रय केंद्र
तीन दिन में ही बंद हो गया रमकंडा क्रय केंद्र

रमकंडा (गढ़वा):

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प्रखंड में धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण उदयपुर, चेटे, बिराजपुर, बैरिया,रक्सी सहित विभिन्न पंचायतों के किसान सरकारी दर पर धान नहीं बेच पा रहे हैं। मजबूर किसान बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों पर धान बेच रहे हैं। ज्ञात हो कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथलेश कुमार ठाकुर के निर्देश पर प्रखंड में पहली बार 13 जनवरी को धान क्रय केंद्र खुला था। धान क्रय केंद्र खुलने के बाद प्रखंड के किसानों में खुशी थी। किसानों को उम्मीद थी कि वह अब बिचौलियों के हाथों धान न बेचकर सरकार को धान बेचेंगे।

उन्होंने उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा। लेकिन क्रय केंद्र बंद होने से उम्मीदों पर पानी फिर गया। इस बार धान की अच्छी पैदावार हुई है। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार खेती से अच्छी कमाई होगी। कर्ज चुकाएंगे और अन्य काम भी करेंगे। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। धान क्रय केंद्र खुलने के तीन दिन के बाद 16 जनवरी को गोदाम भर जाने की बात कह खरीद बंद कर दी गई। केंद्र बंद होने के कारण प्रखंड के किसान लाचार होकर औने-पौने दामों पर व्यापारियों एवं बिचौलियों के हाथ धान बेचने को विवश हैं। वहीं दो किसानों के धान गोदाम भर जाने के कारण गोदाम के बाहर पड़ा हुआ है। जानकारी के अनुसार कई किसानों को धान बेचने के लिए उनके मोबाइल पर मैसेज आया है। इसके आलोक में किसान केंद्र पर धान बेचने के लिए लेकर पहुंचे। लेकिन गोदाम में जगह नहीं होने की बात कह केंद्र को बंद कर दिया गया। नतीजा रहा कि किसान धान को खरीदे जाने की आस में अभी तक केंद्र के बाहर रख उसकी रखवाली कर रहे हैं। इस संबंध में केंद्र के डिपो इंचार्ज धीरेंद्र कुमार ने बताया की 16 जनवरी तक प्रखंड के 23 किसानों से धान क्रय किया गया। फिलहाल गोदाम में जगह नहीं रहने के कारण धान की खरीद को बंद कर दिया गया है। जगह मुहैया हो जाने के बाद धान की खरीदारी फिर से शुरू होगी।

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- गोदाम भर जाने की वजह बता किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है। धान बेचने में काफी परेशानी हो रही है। यदि दो-चार दिनों में धान क्रय केंद्र नहीं खुला तो मजबूरीवश हमें बिचौलियों के हाथों धान बेचना पड़ेगा।

फोटो- 5- बसंत प्रसाद किसान।

- प्रखंड में धान क्रय केंद्र पहली बार खुलने से किसानों में खुशी थी। लेकिन खुलने के तीन दिन बाद ही केंद्र के बंद हो जाने से किसानों में निराशा व्याप्त है। बेचने के आस में हमारा धान क्रय केंद्र के बाहर रखा हुआ है।

फोटो- 6- संजय प्रसाद, किसान।

- कड़ी मेहनत से धान पैदा किया था। इस वर्ष पिछले साल की अपेक्षा फसल का उत्पादन काफी अच्छा था। उम्मीद थी कि सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर धान बेचकर अपनी जरूरत पूरी करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। फोटो - 7- बबलू मंसूरी, किसान।


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