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धान क्रय केंद्र बंद, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी

कांडी (गढ़वा) कांडी धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के ि

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 06:24 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 06:24 PM (IST)
धान क्रय केंद्र बंद, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी
धान क्रय केंद्र बंद, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी

कांडी (गढ़वा):

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कांडी धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के किसान सरकारी दर पर धान नहीं बेच पा रहे हैं। कांडी में 30 दिसंबर को धान क्रय केंद्र खुला था। धान क्रय केंद्र खुलने के बाद प्रखंड के किसानों के बीच खुशी थी। किसानों को उम्मीद थी कि वह अब बिचौलिये नहीं बल्कि सरकार को धान देंगे। उन्हें उचित मूल्य मिलेगा। दस रुपये नहीं बल्कि बीस रुपये किलो धान बेचेंगे। लेकिन नौ जनवरी को धान खरीद के लिए बोरा की अनुपलब्धता तथा गोदाम भर जाने की बात कह क्रय केंद्र बंद कर दिया गया। क्रय केंद्र बंद होने के कारण प्रखंड के किसान लाचार होकर औने-पौने दामों पर व्यापारियों के हाथ धान बेचने को विवश हैं। इस संबंध में गोदाम प्रभारी मणिकांत प्रकाश ने बताया की नौ जनवरी तक प्रखंड के 21 किसानों से 1,706 क्विटल धान क्रय किया गया। गोदाम में जगह नहीं होने के कारण खरीद बंद है। इधर, प्रभारी कृषि पदाधिकारी नीरज कुमार सिंह ने बताया कि एक सप्ताह बाद क्रय केंद्र खोला जाएगा।

इधर किसानों का कहना है कि कर्ज लेकर अपने खेतों में खून पसीना बहाकर फसल उपजाया था। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में धान का बेहतर उपज हुआ है। उम्मीद थी कि क्रय केंद्र में पर धान सरकारी दर पर बेचकर कर्ज चुकाएंगे। लेकिन सरकारी की उदासीनता के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। किसान अब मजबूरी में 10-12 रुपये किलो धान बेच रहे हैं।

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- कठिन परिश्रम से धान पैदा किया था। उम्मीद थी कि सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर धान बेचकर अपनी जरूरत पूरी करेंगे। लेकिन धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण धान बेचने से हमें वंचित होना पड़ रहा है।

रामप्रवेश दुबे, बलियारी।

- धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण मैं अपने धान व्यापारियों के हाथों 12 रुपये प्रति किलो बेच दिया। धान बेचकर ही मैंने मैने गेहूं व अन्य रबी फसलों की बुआई की है। परिवार का भरण पोषण भी करना था। इसलिए धान बेच दिया।

सुरेश कुमार, चंद्रपुरा।

- धान क्रय केंद्र बंद होने से आम किसानों को भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। किसान अपनी आवश्यकता की पूर्ति उपज बेचकर पूर्ति करते हैं। परंतु सरकार द्वारा खोले गए धान क्रय केंद्र बंद होने से किसान अब बिचौलियों को धान दे रहे हैं।

मनोज कुमार मिश्रा, किसान, डूमरसोजा।

- प्रशासनिक लापरवाही के कारण धान क्रय केंद्र बंद पड़ा है। जिससे किसान कम मुनाफे पर व्यापारियों के बीच धान बेचने के लिए विवश हैं। यदि क्रय केंद्र खुला होता तो प्रखंड के किसान व्यापारियों के हाथों धान को बेचने को मजबूर नहीं होते।

प्रवीण कुमार दुबे, किसान, चोका।


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