जल के बगैर जीवन संभव नहीं, इसे संरक्षित करना जरूरी
जल के बगैर जीवन संभव नहीं इसे संरक्षित करना जरूरी
संवाद सहयोगी, गढ़वा : दैनिक जागरण द्वारा जल संरक्षण के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ताकि लोग पानी बचाने के लिए जागरूक हो सकें। साथ ही वर्षा जल का संचयन कर भविष्य सुरक्षित किया जा सके। रविवार को शहर के रंका रोड में जल संसद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें लोगों ने पानी बचाने का संकल्प लिया। इसके अलावा इसके प्रति दूसरों को भी जागरूक करने की बात कही। उपस्थित लोगों ने कहा कि जल है तो जीवन है। यदि धरती पर पानी नहीं होगा तो यहां निवास करने वाले प्राणियों का जीवन सुरक्षित नहीं रह सकेगा। लगातार भूमिगत जलस्तर का हो रहे दोहन के कारण दिनों दिन पानी का स्तर नीचे चला जा रहा है। हम भूमिगत जल का उपयोग तो कर रहें हैं मगर इसके संचयन के प्रति जागरूक नहीं है। वर्षा के पानी को संचयित करने के लिए सभी को आगे आना होगा। तभी हमारी आगे की पीढि़यों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। शिक्षक वैजनाथ सिंह ने कहा कि धरती पर पानी है तो जीवन है। इसलिए धरती पर रहने वाले प्रत्येक मनुष्य का यह कर्तव्य है कि हम पीने योग्य पानी बचाएं। इसके लिए सभी को जागरूक होने की जरूरत है तथा पानी बचाने के लिए विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है। ताकि लोग इसके प्रति जागरूक होकर पानी बचाने की दिशा में काम कर सकें। शिक्षक सूर्यदेव राम ने कहा कि पानी रहेगा तो हम रहेंगे। इसलिए पानी बचाने के अभियान में सभी को शामिल होने की आवश्यकता है। हम अपने दिनचर्चा में पानी की खपत को कम कर या इसकी बर्बादी होने से बचाकर भी पानी का संरक्षण कर सकते हैं। सभी लोगों को पानी बचाने का संकल्प लेना होगा। अन्यथा भविष्य में हमें विकट समस्या का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षक राकेश कुमार ने कहा कि धरती पर पीने योग्य पानी रहे इसके लिए सभी को जागरूक होने की जरूरत है। इसके लिए हमें वर्षा जल को संचयित करने की जरूरत है। नदी नालों को बांधकर हम वर्षा के पानी को संरक्षित कर सकते हैं। जिसका उपयोग बाद में विभिन्न कार्यों के लिए किया जा सकता है। हमें अपने अपने घरों में वाटरहार्वेस्टिग सिस्टम लगाने की भी जरूरत है। जिससे वर्षा जल का संचयन होगा तथा भूमिगत जलस्तर ऊपर आ सकेगा। अंकित कुमार ने कहा कि पानी बचाने के लिए हर किसी को जागरूक होने की जरूरत है। वर्तमान में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि ज्यादातर लोग भूमिगत जलस्तर पर निर्भर हैं तथा इसके लिए डीप बोर कराकर जल का दोहन किया जा रहा है। मगर जल संरक्षण के उपाय नहीं किए जा रहे हैं। यदि हम जल संरक्षण के प्रति जागरूक नहीं हुए तो भविष्य में हमें विकट परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है । मनोज पंडित ने कहा कि सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई जा रही हैं। मगर इन योजनाओं को धरातल पर उतारने के प्रति गंभीरता नहीं बरती जा रही है। जिसके कारण इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकार एवं आम लोग दोनों को इसके प्रति गंभीर होने की जरूरत है। योजना का लाभ लोगों तक पहुंचे तथा योजना उपयोगी हो इसके प्रति सरकार को सक्रियता दिखानी होगी तथा आम लोग को भी इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है। तभी पानी बचाया जा सकता है।