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फार्म ऑनलाइन नहीं होने से परीक्षा से वंचित रह गए 42 बच्चे

प्रखंड मुख्यालय स्थित जमा दो उच्च विद्यालय कांडी में शनिवार को दसवीं क्लास के लगभग 42 छात्र-छात्राओं ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविद कुमार का घेराव किया। घेराव कर रहे छात्र तबरेज आलम जहीर अंसारी गुलाम रसूल राजू मेहता रूपेश कुमार अविनाश विश्वकर्मा आशीष कुमार आदि ने बताया कि कुछ दिन पहले मैट्रिक परीक्षा के

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 06:53 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 06:18 AM (IST)
फार्म ऑनलाइन नहीं होने से परीक्षा से वंचित रह गए 42 बच्चे
फार्म ऑनलाइन नहीं होने से परीक्षा से वंचित रह गए 42 बच्चे

कांडी: प्रखंड मुख्यालय स्थित  जमा दो उच्च विद्यालय कांडी में शनिवार को दसवीं क्लास के लगभग 42 छात्र-छात्राओं ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविद कुमार का घेराव किया। घेराव कर रहे छात्र तबरेज आलम, जहीर अंसारी, गुलाम रसूल, राजू मेहता, रूपेश कुमार, अविनाश विश्वकर्मा, आशीष कुमार आदि ने बताया कि कुछ दिन पहले मैट्रिक परीक्षा के लिए विद्यालय में छात्र-छात्राओं के बीच फॉर्म भरवाया जा रहा था। जैक द्वारा निर्धारित फीस के अनुसार सभी  दस्तावेज के साथ छात्रों ने विद्यालय में फॉर्म भर कर जमा किया था। कुछ दिन बाद जब दसवीं क्लास के छात्र छात्राओं के बीच एडमिट कार्ड का वितरण होने लगा तो बच्चे विद्यालय पहुंचे तो पता चला कि उनका फार्म ऑनलाइन नहीं होने के कारण एडमिट कार्ड नहीं आया है। परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं मिलने को लेकर सभी छात्र छात्राओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रधान कक्ष में पहुंचकर प्रधानाध्यापक से एडमिट कार्ड नहीं मिलने की कारण पूछा। जिसका जवाब प्रधानाध्यापक के पास कुछ भी नहीं था। प्रधानाध्यापक ने बच्चों से माफी मांगते हुए सभी से आग्रह करते हुए कहा कि मुझसे भूल हो गई मैं वैसे लोगों की जिनके एडमिट कार्ड नहीं मिला मैं उनको इंटर तक निश्शुल्क रूप से शिक्षा पाने में सभी प्रकार का मदद करूंगा। जबकि सभी नाराज बच्चों ने प्रधानाध्यापक को  नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हम सभी छात्र-छात्राओं की भविष्य अंधकार में हो गया। साथ ही एक साल का समय बर्बाद हो गया। विदित हो कि इस विद्यालय में वैसे गरीब मजदूर किसान के बच्चे पढ़ते हैं जो भारी मशक्कत कर स्कूल में परीक्षा का  शुल्क इकट्ठा कर अपना उज्जवल भविष्य बनाने के लिए फॉर्म भर कर परीक्षा देने की तैयारी कर रहे थे। परंतु विद्यालय के प्रधानाध्यापक की घोर लापरवाही के कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो गया। इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी प्रधानाध्यापक अरविद कुमार ने बताया कि वर्ग दसवीं के वर्ग शिक्षक  धर्मेंद्र कुमार व्यवसायिक शिक्षक को परीक्षा फॉर्म भरने के लिए अधिकृत किया गया था। धर्मेंद्र कुमार द्वारा 24 बच्चों का फॉर्म को ऑनलाइन करने का जिम्मेवारी दी गई थी। इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी रामप्रसाद मंडल ने बताया कि बच्चे का एडमिट कार्ड नहीं मिला। इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक की घोर लापरवाही है। इस विषय में जांचोंपरांत  कार्रवाई करते हुए एडमिट कार्ड से वंचित बच्चों का एडमिट कार्ड के लिए जैक से पत्राचार किया जाएगा।

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