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मांगों को ले झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने दिया धरना

फोटो - संवाद सहयोगी, गढ़वा: झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गढ़वा समाहरणालय पर एकदिवसीय धरना दिया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश महासचिव अर¨वद कुमार ¨सह मौजूद थे। धरना सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-1

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 06:33 PM (IST)
मांगों को ले झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 
दिया धरना
मांगों को ले झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने दिया धरना

गढ़वा: झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले गढ़वा समाहरणालय पर एकदिवसीय धरना दिया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रुप में प्रदेश महासचिव अर¨वद कुमार ¨सह मौजूद थे। धरना सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 का अनुदान नियमावली एवं अधिनियम के अनुसार अनुदान उपलब्ध नहीं कराया गया है। इससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है। राज्य के दो सौ से अधिक स्कूल व कॉलेजों को बिना कारण अनुदान से वंचित कर दिया गया। 60 से अधिक सांसदों, विधायकों व मंत्रियों के आग्रह पत्र एवं मुख्यमंत्री के पीतपत्र के बाद भी अधिग्रहण घाटानुदान पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि 11 वर्षों से अनुदान नियमावली एवं अधिनियम क अनुसार दिया जा रहा था। महंगाई को देखते हुए नियमावली में संशोधन कर 2015 में नियमावली दुगुना अनुदान के लिए बनाया गया। ¨कतु वितीय वर्ष 2017-18 में अनुदान की राशि आधी से भी कम रह गई है। इस वजह से इससे जुड़े शिक्षकों के समक्ष भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर पांच अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष राज्यभर के शिक्षक प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर धरना स्थल पर पहुंचे पूर्व विधायक गिरिनाथ ¨सह ने कहा कि वर्तमान सरकार से उम्मीद करना बेमानी है। सरकार को शिक्षकों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। धरना सभा के बाद नौ सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। मांग पत्र में वितीय वर्ष 2017-18 के अनुदान अधिनियम एवं नियमावली 2004 तथा संशोधित नियमावली 2015 के तहत अनुदान देने, प्रधान सचिव एपी ¨सह को अविलंब हटाने, अधिग्रहण व घाटानुदान देने, छ़ुटे हुए वित्त रहित संस्थाओं को पूर्व की भांति अनुदान देने, बार बार जांच के नाम पर संस्थाओं को परेशान करना बंद करने, संस्कृत विद्यालयों व मदरसों को 2015 नियमावली के अनुसार अनुदान देने आदि की मांग शामिल हैं। मौके पर कृष्ण मुरारी ¨सह, अमरेश कुमार, वीरेंद्र कुमार तिवारी, रत्नेश कुमार तिवारी, प्रियरंजन पाठक, उमेश प्रसाद ¨सह, संजय तिवारी, रामाशंकर चौबे, भरतलाल चौधरी, प्रेमसागर शुक्ला, अरुण धर दूबे, सिद्धेश्वर ¨सह, अनिल पांडेय, वीरेंद्र कुमार यादव, रामकिशोर पांडेय, रामदत्त मिश्र, रतन पांडेय, दिनेश ¨सह आदि उपस्थित थे।

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