8 बजे की जगह ग्यारह बजे खुलता है उत्क्रमित प्रावि लहराहा
भवनाथपुर प्रखण्ड के सुदूरवर्ती आदिम जनजाति बहुल गांव अरसली के उत्कर्मीक विद्यालय लहराहा में दो सहयोगी शिक्षकों के मनमानी समय से विद्यालय संचालित होने के कारण आदिम जनजाति के बच्चों की शिक्षा भगवान भरोसे चल रहा है ।बताते चले कि अभी विद्यालय का संचालन का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक निर्धारित है परन्तु बुधवार को दोनों सहयोगी शिक्षक मनोज प्रजापति व बैजनाथ सिंह 10बजकर 45 मिनट पर विद्यालय पहुँचे जबकि विद्यालय की रशोइया 7
भवनाथपुर: प्रखंड के सुदूरवर्ती आदिम जनजाति बाहुल्य गांव अरसली के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय लहराहा में सहयोगी शिक्षकों की मनमानी के कारण विद्यालय में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। इन शिक्षकों की मनमाने के कारण आदिम जनजाति के बच्चों की शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है। बताते चलें कि अभी विद्यालय का संचालन का समय सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक निर्धारित है। परंतु बुधवार को दोनों सहयोगी शिक्षक मनोज प्रजापति व बैजनाथ सिंह 10.45 बजे विद्यालय पहुंचे। जबकि विद्यालय की रसोईया स्कूल पहुंचे बच्चों के साथ विद्यालय में झाड़ू लगाकर बरामदे में बैठकर शिक्षकों का इंतजार कर रही थी। रसोईया ने बताया कि प्रतिदिन इसी समय पर स्कूल खुलता है। शिक्षक के आने के इंतजार में थकहार कर बच्चे अपने-अपने घर लौट जाते हैं। इस विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या 30 है। स्कूल में नियमित पढ़ाई नहीं होने के कारण औसतन 18-20 छात्र प्रतिदिन स्कूल आते हैं। बुधवार को पौने ग्यारह बजे दिन में स्कूल पहुंचे शिक्षक मनोज प्रजापति ने कहा कि मोटरसाइकिल पेंचर हो गया था। इस कारण स्कूल आने में विलंब हुआ। वहीं बैजनाथ सिंह ने बताया कि टाइम से क्या लेना देना है। बच्चों को पढ़ाना हमारी जवाबदेही है। जिसका हम अच्छी तरह से निर्वहन कर रहे हैं।