साली से हुआ प्यार तो पति ने पत्नी का कराया सामूहिक दुष्कर्म, उतारा मौत के घाट
Murder of wife. साली के प्यार में पति ने पत्नी का सामूहिक दुष्कर्म करवाने के बाद उसकी हत्या करवा दी। घटना झारखंड के गढ़वा की है।
गढ़वा। मेराल थाना क्षेत्र के हासनदान में 13 मार्च को सोनी देवी हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। सोनी की हत्या उसका पति अशोक चौधरी ने ही 20 हजार रुपये सुपारी देकर कराई। हत्या का सौदा 30 हजार रुपये में तय हुआ था। अशोक ने फिलहाल 20 हजार रुपये नकद देते हुए शेष राशि काम होने के बाद देने की बात कही थी। पुलिस ने इस मामले में अशोक चौधरी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार की शाम पुलिस कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर मुख्यालय डीएसपी संदीप कुमार गुप्ता एवं प्रशिक्षु आईपीएस वंदिता राणा ने पूरी घटनाक्रम की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि तीन बच्चों का पिता अशोक चौधरी ने अपनी साली को बहला-फुसला कर अपनी हवस का शिकार बनाया और उससे शादी करने का वादा करने लगा। पत्नी सोनी देवी ने इसका विरोध किया तो अशोक ने 30 हजार रुपये सुपारी देकर पहले अपनी पत्नी का सामूहिक दुष्कर्म करवाया और उसके बाद उसकी हत्या करवा दी। साथ ही, घटना को दूसरा मोड़ देने के उद्देश्य से शव को अरहर के खेत में फेंक दिया। इस मामले में पुलिस ने मृतका के पति अशोक चौधरी सहित हासनदाग गांव के ही भरत पासवान के पुत्र प्रमोद पासवान, पलामू जिला अंतर्गत विश्रामपुर थाना क्षेत्र के बघमनवा निवासी नागेंद्र पासवान के पुत्र ओमप्रकाश पासवान तथा ईश्वरी पासवान के पुत्र दिनेश पासवान एवं विनोद यादव के पुत्र कुंदन यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दी है।
डीएसपी ने बताया कि हासनदाग निवासी मुंशी चौधरी का पुत्र अशोक चौधरी उर्फ मूंगा लाल चौधरी ने अपनी साली के प्यार के चक्कर में पत्नी की हत्या करवा दिया। डीएसपी ने बताया कि 13 मार्च को सोनी देवी की शव बरामद होने के बाद पुलिस मामले के अनुसंधान में जुट गई। मेराल थाना प्रभारी रामेश्वर उपाध्याय के नेतृत्व के अनुसंधान करते हुए पुलिस ने मामले का खुलासा किया। इस मामले में गिरफ्तार अशोक चौधरी एवं अन्य अभियुक्तों ने हत्या में अपनी संलिप्ता स्वीकार कर ली है। पूछताछ के दौरान अशोक ने बताया कि उसकी शादी वर्ष 2010 में पलामू जिला के कल्याणपुर गांव में हुई थी। शादी के बाद से ही वह अपनी साली सुनीता से प्यार करता था। उसके साथ अवैध संबंध शादी के बाद से ही चल रहा था। जिसका विरोध उसकी पत्नी करती थी। 2017 में सुनीता की शादी हुई। परंतु पति से संबंध ठीक नहीं रहने के कारण छह माह बाद ही संबंध विच्छेद हो गया।
इसके बाद अशोक अपनी पत्नी को रास्ते से हटाकर सुनीता से शादी करना चाहता था। इस बात को अपने गांव के ही प्रमोद पासवान को बताया। तब उसने अपने चचेरा भांजा ओमप्रकाश पासवान से बात कराई। 30 हजार रुपये में हत्या का सौदा तय हुआ। 20 हजार रुपये ओमप्रकाश को एक माह पूर्व ही एडवांस दे दिया गया। शेष काम होने पर देना था। 13 मार्च को गांव में आई बारात एवं आर्केष्ट्रा के दौरान घटना को अंजाम देने का समय निर्धारित हुआ। अपराधियों ने बताया कि योजना के तहत अशोक अपनी पत्नी को शादी समारोह से लेकर वापस घर लौट रहा था। इस दौरान अरहर के खेत में छिपकर बैठे अपराधियों ने उसकी पत्नी को पकड़कर साड़ी से मुंह बांध दिया एवं बारी-बारी से सभी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद साड़ी से ही गले में फंदा लगाकर हत्या कर दी। उसके बाद सभी अपने-अपने घर चले गए। अशोक ने सुबह थाना में पत्नी की हत्या का मामला दर्ज कराया।