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कोरोना काल में कई आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका रही नकारात्मक, बच्चों को नहीं मिला पोषाहार

संवाद सहयोगी गढ़वा कोरोना काल में जिले के कई आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका नकारात्मक भ्भूमिका रही।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 06:48 PM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 06:48 PM (IST)
कोरोना काल में कई आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका रही नकारात्मक, बच्चों को नहीं मिला पोषाहार
कोरोना काल में कई आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका रही नकारात्मक, बच्चों को नहीं मिला पोषाहार

संवाद सहयोगी, गढ़वा : कोरोना काल में जिले के कई आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका नकारात्मक रही है। लाभुकों को छह माह से पोषाहार मिलना बंद है। यह भारत ज्ञान विज्ञान समिति गढ़वा इकाई द्वारा आइसीडीएस 2021 के अंतर्गत जिले के प्रखंडों में आगनबाड़ी लाभुकों का व्यापक सर्वेक्षण के दौरान सामने आई है। उक्त बातें ज्ञान विज्ञान समिति के जिला अध्यक्ष संजय तिवारी ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। कहा कि सर्वेक्षण के दौरान भोजन का अधिकार अधिनियम झारखंड के तहत कोविड-19 महामारी के दौरान जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की भूमिका बहुत ही नकारात्मक रही है। जिले के मेराल, रमना, श्रीबंशीधर नगर तथा कांडी के विभिन्न पंचायतों में आंगनबाड़ी लाभुकों से बातचीत की गई। सर्वेक्षण में मेराल के छह आंगनबाड़ी केंद्र, श्रीबंशीधर नगर के 05 आंगनबाड़ी केंद्र, रमना के सात आंगनबाड़ी केंद्र तथा कांडी के तीन आंगनबाड़ी केंद्र के अंतर्गत आने वाले 150 लाभुकों से बातचीत के दौरान यह पाया गया कि किसी भी लाभुक को छह माह से आंगनबाड़ी से मिलने वाले पोषाहार बंद हैं। सर्वेक्षण में एक सूची तैयार किया गया है, जिसमें छह माह से तीन वर्ष के बच्चे, तीन से छह वर्ष के बच्चे, गर्भवती मां तथा धातृ माता की सूची तैयार की गई है। सर्वे के दौरान यह पाया गया कि कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों से केवल चावल एवं दाल दिया गया।अन्य सामग्री का वितरण नहीं किया गया। कुछ केंद्रों पर गर्भवती व धात्री माताओं को राशन नहीं दिया जाता है। बच्चों को कभी भी पोषाहार की आपूर्ति नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान यह सामने आया कि कुछ आगनबाड़ी केंद्र महीनों से बंद पड़े हुए हैं। अक्टूबर 2020 के बाद से आंगनबाड़ी केंद्रों से किसी भी प्रकार की सामग्री का वितरण नहीं किया गया। एक आंगनबाड़ी सेविका ने बताया कि राशन तथा पोषाहार सरकार द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है, इस कारण आपूर्ति नहीं की जा रही है।

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संजय तिवारी ने कहा कि हाल ही में यूनिसेफ द्वारा जारी एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है। जिसमें झारखंड राज्य में लगभग 400000 बच्चे कुपोषण के शिकार बताए गए हैं। जिन्हें कोविड-19 का खतरा सबसे ज्यादा है । इसके बावजूद प्रशासनिक तंत्र एवं आंगनबाड़ी केंद्रों द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है। सरकार के पास पर्याप्त संसाधन होने के बावजूद भी पोषाहार बच्चों तक नहीं पहुंचाई जा रही है। ज्ञान विज्ञान समिति गढ़वा जिला इकाई इस पर घोर चिता व्यक्त करती है। पत्रकार वार्ता में ज्ञान विज्ञान समिति के विशाल कुमार जयसवाल, भिखु कुशवाहा तथा ज्ञान विज्ञान समिति के जिला संरक्षक सुरेश मानस उपस्थित थे।


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