संकट में भगवान देते भक्तों का साथ : व्यास
बासुकीनाथ जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत बरदानीनाथ मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के चौथे दिन मंगलवार को मंदराचल क्षेत्र के पंडित सत्यप्रकाश शरण ने गजेंद्र मोक्ष का प्रसंग सुनाते हुए उपस्थित भक्तों से कहा कि जब जीवन में संकट आता है तो कोई भी परिजन साथ नहीं देते हैं। केवल भगवान ही पुकार सुनते हैं। इसीलिए परमात्मा ही अपने सगे हैं। हमें परमात्मा के शरणागत रहना चाहिए। कथा व्यास ने समुद्र मंथन प्रसंग उद्धृत करते हुए कहा कि जीवन में उन्नति के लिए उद्यम करते हैं। इसमें विष जैसा परिणाम भी मिलता रहता है।
बासुकीनाथ : जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत बरदानीनाथ मंदिर परिसर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ के चौथे दिन मंगलवार को मंदराचल क्षेत्र के पंडित सत्यप्रकाश शरण ने गजेंद्र मोक्ष का प्रसंग सुनाते हुए उपस्थित भक्तों से कहा कि जब जीवन में संकट आता है तो कोई भी परिजन साथ नहीं देते हैं। केवल भगवान ही पुकार सुनते हैं। इसीलिए परमात्मा ही अपने सगे हैं। हमें परमात्मा के शरणागत रहना चाहिए। कथा व्यास ने समुद्र मंथन प्रसंग उद्धृत करते हुए कहा कि जीवन में उन्नति के लिए उद्यम करते हैं। इसमें विष जैसा परिणाम भी मिलता रहता है। लेकिन संकट से बिना डरे संघर्ष करना ही जीवन का ध्येय है। संघर्षशील को अंततोगत्वा अमृत रूपी फल भी प्राप्त होता ही है। समुद्र मंथन लीला का वर्णन करते हुए कहा कि सत्य और असत्य की लड़ाई में भगवान किसी न किसी रूप में सत्य का ही साथ देते हैं। कथा व्यास ने वामन अवतार, श्रीराम अवतार की कथा विस्तारपूर्वक सुनाई। उन्होंने संपूर्ण प्राणियों को आनंद देनेवाले कृष्ण अवतार की कथा में नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, भजन के माध्यम से कृष्ण जन्मोत्सव का अनूठा वर्णन प्रस्तुत किया। कथा व्यास के मुखारविद से भागवत कथा का रसपान करते हुए उपस्थित श्रोता गण भावविभोर होकर भक्ति रस में झूमने लगे। इस दौरान पूरा कथा पंडाल 'राधे राधे, जय श्री राधे की गूंज से गुंजायमान होता रहा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में भागवत कथा यज्ञ समिति के सदस्य सहित स्थानीय सभी ग्रामीण लगे हुए हैं।