विभाग के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश
दलाही : मसलिया प्रखंड के मसानजोर पंचायत अंतर्गत गोटीडीह टोलावासी तीन महीने से अंधेरे में रहने को विवश हैं। यह स्थिति गांव के ट्रांसफार्मर खराब हो जाने से उत्पन्न हुई है। जिससे ग्रामीण ढिबरी युग में जीने को मजबूर हैं। बिजली गुम रहने से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई समेत तमाम जरूरी कार्य बाधित हो रही है।
दलाही : मसलिया प्रखंड के मसानजोर पंचायत अंतर्गत गोटीडीह टोलावासी तीन महीने से अंधेरे में रहने को विवश हैं। यह स्थिति गांव के ट्रांसफार्मर खराब हो जाने से उत्पन्न हुई है। जिससे ग्रामीण ढिबरी युग में जीने को मजबूर हैं। बिजली गुम रहने से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई समेत तमाम जरूरी कार्य बाधित हो रही है।
यहां तक की बिजली के नहीं रहने मोबाइल सेवा, चार्जर लाईट, आदि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद पड़े हैं। छ: महीने से बिजली की व्यवस्था लाने के लिए प्रखंड कार्यालय से लेकर जिला बिजली विभाग कार्यालय तक चक्कर काट चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि मुखिया से लेकर विधायक व संबंधित अधिकारियों की अर्जी लगा कर थक चुके हैं पर स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका है। इस पर न ही स्थानीय नेताओं का ध्यान है और न ही बिजली विभाग के अधिकारियों ने ही इस कोई संज्ञान लिया है। बहरहाल आज सैकड़ों परिवार अंधेरे में रात काट रहे हैं।
क्या कहना है ग्रामीणों का
ग्रामीण नंदकिशोर मंडल का कहना है कि बिजली की समस्या छह महीने से है। आज तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है। ग्रामीण बिजली के अभाव से परेशान हैं। जेई को कई बार आवेदन दिया गया पर कुछ नहीं किया।
साहेबलाल मुर्मू वार्ड सदस्य का कहना है कि आधा गांव बिजली से वंचित है। ग्रामीणों में इसके लिए सरकार व अधिकारियों से आक्रोशित हैं।
अगर बिजली व्यवस्था बहाल नहीं किया गया तो इसका जबाव चुनाव में देंगे। धीरेन मंडल ने कहा की बिजली नहीं तो वोट नहीं। छह महीने से टोला वासी अंधेरे में ढिबरी व लालटेन जलाकर रह रहे हैं। विधायक जितने के बाद आज तक गांव में नहीं आए। तारा मंडल का कहना है कि पहले 16 केबीए का ट्रांसफॉर्मर था जिसे बदलवाने के लिए कितनी मिन्नत करने के बाद दूसरा लाया गया पर मुश्किल से पंद्रह दिन के बाद ही खराब हो गया। लोकल मिस्त्री से लेकर दुमका के बिजली विभाग के मिस्त्री को कह कर थक गया पर इस पर कोई भी ध्यान नहीं दिया। बहरहाल चालीस परिवार आज अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। इसमें अधिकारियों की लापरवाही ही है जो अभी तक बिजली जली नहीं।