आज के जल से सहेजना होगा भावी पीढ़ी का कल
दुमका बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। बारिश के एक-एक बूंद का जब संचयन हो जाएगा तो बढ़ते जलसंकट से त्राहिमाम की ओर चल रहा राष्ट्र सुकून की सांस लेगा। झारखंड की उपराजधानी में भी औसत बारिश होती है। लेकिन अप लैंड होने के कारण वर्षा का जल नहीं रुकता है।
दुमका : बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। बारिश के एक-एक बूंद का जब संचयन हो जाएगा तो बढ़ते जलसंकट से त्राहिमाम की ओर चल रहा राष्ट्र सुकून की सांस लेगा। झारखंड की उपराजधानी में भी औसत बारिश होती है। लेकिन अप लैंड होने के कारण वर्षा का जल नहीं रुकता है। ना ही उसे रोकने का कोई प्रयास किया गया है। तालाब व डोभा बने लेकिन वहां तक पानी कैसे पहुंचे यह आज भी गिरते जलस्तर को बेहतर बनाने में रोड़ा बना हुआ है। भारत सरकार इस बात को लेकर फिक्रमंद है। राज्य सरकारों को अलर्ट किया गया है। झारखंड में 1 जुलाई से 15 सितंबर तक जलशक्ति अभियान चलाया जाएगा। जिसमें 7 जुलाई को श्रमदान होगा। दुमका में 15 सितंबर तक का रोडमैप बना लिया गया है। 47.85 करोड़ का बजट ट्रेंच कम बंद तकनीक पर खर्च किया जाएगा। इससे 16,530 हेक्टेयर भूमि पर टीसीबी (ट्रेंच कम बंड) तैयार होगा। इसमें वर्षा के जल को रोका जाएगा।