शिष्य जीवन में तरक्की करे यही गुरु दक्षिणा
दुमका प्लस टू जिला स्कूल में अभिभावक एवं शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ऐसे इस स्कूल में यह परंपरा पहले भी रही है। इस अवसर पर कक्षा 10 के विद्यालय स्तर पर प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करनेवाले छात्रों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी में उपस्थित अभिभावकों शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी के प्रतिनिधि एडीपीओ अनूप माइकल केरकेट्टा ने कहा कि छात्रों के बेहतर शैक्षणिक एवं नैतिक उत्थान में अभिभावक एवं शिक्षक संगोष्ठी मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि मैं खुद एक गरीब परिवार से आता था लेकिन अभिभावक एवं शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन से मैं यहां तक पहुंचा हूं।
दुमका : प्लस टू जिला स्कूल में अभिभावक एवं शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ऐसे इस स्कूल में यह परंपरा पहले भी रही है। इस अवसर पर कक्षा 10 के विद्यालय स्तर पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करनेवाले छात्रों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। संगोष्ठी में उपस्थित अभिभावकों, शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी के प्रतिनिधि एडीपीओ अनूप माइकल केरकेट्टा ने कहा कि छात्रों के बेहतर शैक्षणिक एवं नैतिक उत्थान में अभिभावक एवं शिक्षक संगोष्ठी मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि मैं खुद एक गरीब परिवार से आता था, लेकिन अभिभावक एवं शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन से मैं यहां तक पहुंचा हूं। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि शिक्षण कार्य सेवाभावना से करनी चाहिए। अभिभावक भी अपनी नैतिक जिम्मेदारी को दूसरे पर न थोपें। अपने बच्चों के सुंदर एवं सफल जीवन के लिए सदा सजग रहें। छात्रों से कहा कि परिश्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता है। परिश्रम का दूरगामी प्रतिफल मिलता है। आप सभी अपने माता-पिता एवं गुरु रूपी शिक्षक का सम्मान करें।
प्राचार्य अजय कुमार गुप्ता ने कहा कि अभिभावक प्रतिदिन अपने बच्चों को विद्यालय भेजें। अभिभावक एवं शिक्षकों के संयुक्त प्रयास से छात्रों का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। उन्होंने अभिभावकों को इंगित करते हुए कहा कि माध्यमिक बोर्ड परीक्षा शैक्षणिक जीवन की नींव है। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि आपलोगों के थोड़ी सी जागरूकता से आपके बच्चे का परीक्षाफल बेहतर हो सकता है। जांच परीक्षा में उत्तीर्ण एवं 75 फीसद उपस्थितिवाले छात्रों को ही बोर्ड का फार्म भरने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालय में प्रतिदिन नियमित कक्षा के साथ-साथ परीक्षा के पूर्व विशेष कक्षा का भी संचालन होता है। अत: आप अपने बच्चों को नियमित विद्यालय भेजें।
प्रमुख शिक्षाविद दिवाकर महतो ने कहा कि माध्यमिक परीक्षा आगे की पढ़ाई के लिए आधार है, अत: माध्यमिक परीक्षा में अच्छा अंक प्राप्त कर छात्र अपना आधार मजबूत करें। कहा कि शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह है, जो स्वयं जलकर छात्रों के जीवन को प्रकाशित करते हैं। अभिभावक एवं शिक्षक बच्चों को प्रेम करने के साथ-साथ उसके सफल जीवन के लिए प्रहरी भी बने। मां बच्चों के नैतिक, शारीरिक एवं शैक्षणिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। एपीओ श्यामसुंदर मोदक ने कहा कि अभिभावक एवं शिक्षक छात्रों के सफल जीवन के लिए दो धुरी है, दोनों धुरी को मजबूत एवं सजग रहना होगा। इंटर संकाय प्रभारी डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह ने कहा कि लगन पूर्वक मेहनत करने से अच्छा प्रतिफल प्राप्त किया जा सकता है। शिष्य जीवन में बहुत तरक्की करें, यही एक शिक्षक के लिए सबसे बड़ा गुरु दक्षिणा है। अभिभावक एवं शिक्षक का आशीर्वाद एवं सानिध्य मिलेगा तो छात्र जीवन में सदा विजई होंगे। शिक्षक दिलीप कुमार झा ने कहा कि परिवार एवं विद्यालय दोनों बच्चों के लिए संस्कारशाला है। अभिभावक एवं शिक्षक दोनों को छात्रों में संस्कार एवं ज्ञान का भंडार भरना होगा। बता दें कि जिला स्कूल में पहले भी अभिभावक संग संगोष्ठी की परंपरा रही है। मंचसंचालन शिक्षक महेंद्रराज हंस ने किया। संगोष्ठी में परीक्षा नियंत्रक संजय कुमार सिन्हा, शिक्षक इति कुमारी, अर्चना कुमारी, प्रकाश कुमार घोष, सुशीला किस्कू, लखी टुडु, अंजू एलिना किस्कू के अलावे सभी शिक्षकों ने छात्रों के बेहतर शैक्षणिक एवं नैतिक उत्थान के लिए अपने-अपने विचार प्रकट किए।