लेह में काम करने गए मजदूरों को पड़े खाने के लाले
रामगढ़ भारत-चीन की सीमा पर लद्दाख में सड़क निर्माण कार्य में लगे रामगढ़ प्रखंड के दर्जन भर मजदूरों को एक सप्ताह से खाने पीने में दिक्कत हो रही है। उनको राशन तो दिया गया है। लेकिन रसोई के चूल्हा के लिए किरोसिन तेल नहीं मिला है। ये लोग दूसरे मजदूर की मदद लेकर खाना खा रहे हैं। रविवार को रामगढ़ प्रखंड के डांड़ो पंचायत अंतर्गत दामुडीह गांव के डांड़ो पंचायत के मुखिया सुलेमान बास्की के भाई संतोष बास्की ने फोन पर वहां की दास्तां सुनायी। मुखिया ने कांफ्रेंस में लेकर जागरण संवाददाता को भाई संतोष बास्की से बात करायी।
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : भारत-चीन की सीमा पर लद्दाख में सड़क निर्माण कार्य में लगे रामगढ़ प्रखंड के दर्जन भर मजदूरों को एक सप्ताह से खाने पीने में दिक्कत हो रही है। उनको राशन तो दिया गया है। लेकिन रसोई के चूल्हा के लिए किरोसिन तेल नहीं मिला है। ये लोग दूसरे मजदूर की मदद लेकर खाना खा रहे हैं। रविवार को रामगढ़ प्रखंड के डांड़ो पंचायत अंतर्गत दामुडीह गांव के डांड़ो पंचायत के मुखिया सुलेमान बास्की के भाई संतोष बास्की ने फोन पर वहां की दास्तां सुनायी। मुखिया ने कांफ्रेंस में लेकर जागरण संवाददाता को भाई संतोष बास्की से बात करायी। संतोष बास्की ने बताया कि उनके साथ रैयाडीह गांव के निर्मल केवट, राम मड़ैया, सोममरांडी, दामुडीह गांव के राम बास्की समेत अन्य भारत-चीन सीमा पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाईजेशन में सड़क निर्माण कार्य के लिए मजदूरी करने गये हैं। यहां से जाने के बाद 17 दिनों तक क्वारंटाइन में रखा गया। एक सप्ताह से सड़क निर्माण के लिए कटिग के काम पर लेह में लगाया गया है। भोजन बनाने में समस्या आ रही है तो दूसरे ग्रुप से लेकर खाना खा रहे हैं। किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गयी है। बिजली नहीं रहने के कारण सभी मजदूरों का मोबाईल स्वीच ऑफ हो गया है। उनलोगों ने जब सड़क निर्माण करवाने वाले पदाधिकारी को घेरा तो पदाधिकारी ने कहा कि स्वयं से खाना बनाओ। खाना का पैसा आपलोगों के खाता में आएगा। घर से लाया पैसा खत्म हो गया है। काफी हंगामा करने के बाद रविवार को चावल एवं आटा दिया गया। समस्या यह कि खाना कैसे बनाएंगे। रविवार को किसी प्रकार ग्रिप की गाड़ी से अपने निवास स्थल से लगभग 40 किमी दूर फोन करने के लिए पहाड़ के नीचे बाजार आया था।
मामले को लेकर बीडीओ साइमन मरांडी ने बताया कि बीआरओ की ओर से हमलोगों से केवल मजदूरों का डिमांड मांगा गया था। जिसके बाद सभी को बीआरओ के निर्देशन में भेजा गया। वहां रह रहे मजदूरों की पूरी जिम्मेदारी बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन की है। वह वहां पर मजदूरों के हित को ध्यान में रखते हुए सारा निर्णय लेगी। सभी मजदूरों की सूची श्रम विभाग के पास मौजूद है।
मामले को लेकर डांड़ो पंचायत के मुखिया सुलेमान बास्की ने बताया कि
मजदूरों को लद्दाख में प्रताड़ित किया जा रहा है। उनके भाई समेत दर्जनों मजदूर एक सप्ताह से ठीक से खाना नहीं खा पा रहे हैं। भाई संतोष बास्की के द्वारा फोन पर इसकी सूचना देने के बाद इसकी शिकायत रांची एवं दुमका जिला के कंट्रोल रूम में की गयी है। वहां पर बताया गया कि उनका शिकायत पर संज्ञान लिया जा रहा है। श्रम अधीक्षक शैलेंद्र साह ने बताया कि मुखिया से कहा गया है कि उनकी जो बातचीत मजदूरों से हुई है। उसका लिखित आवेदन व मजदूरों की सूची सौंप दें। उस पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। क्योंकि जिला की ओर से जिन मजदूरों को भेजा गया है, उनका निबंधन श्रम विभाग में है। उससे मिलान कर तुरंत कार्रवाई आरंभ कर दी जाएगी।