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श्रावणी मेला में झलकती है विश्व बंधुत्व की भावना

बासुकीनाथ बासुकीनाथ में चलनेवाले मास व्यापी विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में विश्व बंधुत्व की भावना साफ झलकती है। एक और जहां मेले में न कोई अफसर ना कोई चपरासी वहीं दूसरी और न कोई अगड़ा ना कोई पिछड़ा दिखता है। सभी की वेश-भूषा एक समान।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Jul 2019 07:33 PM (IST)Updated: Thu, 25 Jul 2019 07:33 PM (IST)
श्रावणी मेला में झलकती है विश्व बंधुत्व की भावना
श्रावणी मेला में झलकती है विश्व बंधुत्व की भावना

बासुकीनाथ : बासुकीनाथ में चलनेवाले मास व्यापी विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में विश्व बंधुत्व की भावना साफ झलकती है। एक और जहां मेले में न कोई अफसर ना कोई चपरासी वहीं दूसरी और न कोई अगड़ा ना कोई पिछड़ा दिखता है। सभी की वेश-भूषा एक समान। यहां के मेले में हर कोई एक दूसरे को बम कहकर संबोधित करते हैं। पूरा मेला गेरूवामय नजर आता है। जिस तरह विभिन्न प्रांतों से शिवभक्त आते हैं उसी तरह कई राज्यों से दुकान लगाकर व्यवसाय करने भी लोग आते हैं। व्यापार करने के लिए व्यापारी भी जुटते हैं। जिन्हें यहां के लोग व्यवसाय करने के लिए न सिर्फ जगह देते हैं बल्कि अपने साथ शामिल भी कर लेते हैं। साथ ही यहां के ग्रामीण अतिथियों को दिल में भी जगह देते हैं। फौजदारी दरबार में लगनेवाले श्रावणी मेला में एक ओर जहां देश-विदेश से लाखों लोग दर्शन पूजन को आते हैं। वहीं दूसरी ओर इस मेले में बिहार बंगाल झारखंड यूपी के अलावे महाराष्ट्र के परिवार को भी रोजगार मिलता है। भोलेनाथ अपने यहां आनेवाले भक्तों का सब दुख दूर कर लेते हैं। वहीं दूसरी ओर वे अपने दरबार में आए हजारों शरणागत लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी उपलब्ध कराते हैं। नासिक के नंदगांव के सैकड़ों परिवार रुद्राक्ष, मोती माला, स्टोन, कस्तूरी, नवग्रह, नवरत्न, पत्थर, ग्रहरत्न, ईत्र बेचकर आजीविका चला रहे हैं।

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