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Dumka Crime News शराब तस्करी में दुमका के बर्खास्त जज की भूमिका की होगी जांच

बिहार में शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित है। झारखंड दुमका के बर्खास्त जज शंभूनाथ साह की कार का इस्तेमाल कर दुमका के शराब तस्कर कई खेप शराब बिहार पहुंचा चुके थे। इस गाड़ी में सेवानिवृत्त जज का नेम प्लेट तक लगा हुआ था अब इस मामले की जांच होगी।

By Gautam OjhaEdited By: Published: Wed, 14 Sep 2022 03:46 PM (IST)Updated: Wed, 14 Sep 2022 03:46 PM (IST)
Dumka Crime News शराब तस्करी में दुमका के बर्खास्त जज की भूमिका की होगी जांच
शराब तस्करी के मामले में गिरफ्तार नीतेश दास और संतोष दास

जागरण संवाददाता, दुमका : शराब तस्करी में बर्खास्त सिविल जज शंभू नाथ साह की भूमिका संदेह के घेरे में है। पुलिस इसकी जांच करेगी। बुधवार को शिकारीपाड़ा पुलिस के गिरफ्त में आए कार चालक के सहयोगी शहर के शिवपहाड़ निवासी नितेश दास और संतोष दास को जेल भेज दिया है।

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एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी ने बताया कि 11 सितंबर को बिहार के बांका के बौंसी थाने की पुलिस ने एक कार से भारी मात्रा में शराब बरामद की थी। शराब दुमका से बिहार ले जाई जा रही थी। पुलिस की घेराबंदी के बाद भी कार में सवार दो लोग भागने में सफल रहे। अल्टो कार में पीछे की ओर बाकायदा सेवानिवृत्त सिविल जज की नेम प्लेट लगी थी। पुलिस मामले की जांच कर रही थी कि रात को ही दुमका के शिवपहाड़ निवासी नीतेश दास व संतोष दास शिकारीपाड़ा थाना आए और बताया कि वे जज के परिवार को बंगाल छोड़कर लौट रहे थे। हरिपुर के पास पांच लोगों ने कार को रोका और उन्हें नीचे उतारकर कार लेकर भाग गए। पुलिस जांच शुरू हुई तो दो दिन तक लगातार पुलिस छानबीन में कार का कहीं कुछ पता नहीं चला। बाद में पता चला कि दोनों ने कार लूट की झूठी शिकायत करते हुए मोबाइल छीनने की बात कही थी। दोनों को जेल भेज दिया गया है।

कैसे निकला झूठा केस : नीतेश से पता चला कि बदमाश उसका मोबाइल भी लेकर चले गए। जब उसके मोबाइल को सर्विलांस में डाला गया तो पता चला कि मोबाइल तो उसके घर में ही। मोबाइल जब्त करने के बाद जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो दोनों ने कार लूट की सारी कहानी बयां की। बताया कि दोनों जज की कार से बिहार शराब लेकर जाते थे। पहले भी कई बार शराब लेकर गए थे।

जज की भूमिका सवालों के घेरे में : शराब तस्करी में अब जज की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। हालांकि, पुलिस ने अभी तक उन्हें आरोपित नहीं बनाया है। एसडीपीओ की माने तो जज की कार का शराब तस्करी में इस्तेमाल हो रहा था और उन्हें इसकी जानकारी तक नहीं है। उनकी भूमिका की अब गहराई से जांच होगी। बर्खास्त होने के बाद भी वे कार में ने नेम प्लेट लगाए हुए थे। जांच के बाद सारी बात सामने आ जाएगी।


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