झारखंड सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर नहीं लग रहा फोन
रामगढ़ 14 अप्रैल तक के लॉक डाउन के कारण रामगढ़ प्रखंड के कई गांव के मजदूर इन दिनों मुंबई नाशिक पुणे केरल हिमाचल प्रदेश समेत अन्य जगहों पर फंसे हुए हैं। ये सभी जगह के मजदूर वहां से वीडियो एवं फोटो वाट्सएप के जरिये अपने गांव तक पहुंचा रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान वे लोग एक जगह पर बंद हो गये हैं। काम धंधा पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है। रामगढ़ प्रखंड के महुबना पंचायत के ठाड़ी गांव के चार व्यक्ति प्रदीप कुमार वैद्य बमबम कुमार मांझी प्रीतम कुमार मांझी एवं संजीव कुमार महतो ने वाट्सएप के जरिये वहां से फोटो भेजा है।
रामगढ़ के दर्जनों मजदूर महाराष्ट्र के नासिक से लगा रहे गुहार
संवाद सहयोगी, रामगढ़ : 14 अप्रैल तक के लॉक डाउन के कारण रामगढ़ प्रखंड के कई गांव के मजदूर इन दिनों मुंबई, नाशिक, पुणे, केरल, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य जगहों पर फंसे हुए हैं। ये सभी जगह के मजदूर वहां से वीडियो एवं फोटो वाट्सएप के जरिये अपने गांव तक पहुंचा रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान वे लोग एक जगह पर बंद हो गये हैं। काम धंधा पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है। रामगढ़ प्रखंड के महुबना पंचायत के ठाड़ी गांव के चार व्यक्ति प्रदीप कुमार वैद्य, बमबम कुमार मांझी, प्रीतम कुमार मांझी एवं संजीव कुमार महतो ने वाट्सएप के जरिये वहां से फोटो भेजा है। ये चारो महाराष्ट्र के पुणे जिला के लांडगे नगर मोसरी गांव में फंसे हुए हैं। इन लोगों का कहना है कि राशन पूरी तरह खत्म हो गया है। गुरूवार दोपहर से हल्का खाना खाकर रह रहे हैं। वहां पर देखने वाला कोई नहीं है। सभी एक कमरा में बंद हैं। वहीं महुबना पंचायत के कटहलडीह गांव के भी 10 मजदूर हराधन राय, राजेश राय, संजय राय, रवि राय, सुभाष राय, ज्योतिष राय, भुदेव राय, गुरूचरण राय, बिहारी राय, टिकु राय महाराष्ट्र के ही नासिक शहर, हिसबाड़ी चौक, कमल नगर, गोकूल धाम के सामने फंसे हुए हैं। वहीं महुबना पंचायत अंतर्गत ही साधुडीह गांव के जगदेव राय, कोआम पंचायत अंतर्गत भोड़ाम गांव के कनकलाल राय, विकास राय, जामा प्रखंड के नवाडीह पंचायत अंतर्गत चापड़ीया गांव के रंजीत राय, रथु राय, गुलाब राय भी नाशिक में फंसे हुए है। इसी प्रकार केरल के मल्लापुरम जिला अंतर्गत पोन्नानी थाना के बारीकुलम गांव में भी रामगढ़ प्रखंड के विभिन्न गांव के 70 मजदूर फंसे हुए है। इन लोगों ने कहा कि उनलोगों के पास पैसा पूरी तरह खत्म हो गया है। यदि लॉक डाउन खुल भी जाता है तो घर आने तक के पैसे नहीं है। लोगों का आरोप है कि झारखंड सरकार ने जो हेल्पलाइन नंबर दिया है। उस पर कई बार फोन किया लेकिन कोई मदद नहीं मिला है। सिर्फ हर बार अलग-अलग जगह फोन करने को कहा जाता है। दुमका कंट्रोल रूम में भी फोन किया गया है।