ई-वे बिल पर सरकार के निर्णय की चैंबर ने की प्रशंसा
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दुमका : दुमका चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष सियाराम घिड़िया ने केंद्र सरकार के उस प्रयास की सराहना की है जिसके तहत जीएसटी नियमावली में ई-वे बिल के पदाधिकारियों के द्वारा व्यवसायियों पर किए जा रहे अत्याचार एवं भयादोहन पर रोक लगाने की पहल की है। सियाराम ने कहा कि ई-वे बिल में कई तरह की त्रुटियों को अधिरोपित किए जाने पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है जिसमें मुख्य तौर पर क्रेता एवं विक्रेता व्यवसायी के स्पे¨लग में
अंतर आने पर दंडित नहीं किया जा सकता है बशर्ते कि उनका जीएसटी नंबर सही अंकित हो। क्रेता के पिन कोड में गलती होने पर दंडित नहीं किया जा सकता है बशर्ते क्रेता एवं विक्रेता का पता सही अंकित हो। क्रेता व्यवसायी के पता में मामूली त्रुटि होने पर दंडित नहीं किया जा सकता है बशर्ते कि बाकी विवरण सही अंकित हो। टैक्स इनव्याइस नंबर के एक या दो अंकों तक ई-वे बिल गलत भरे जाने पर भी दंडित नहीं किया जा सकता है। एचएसएन कोड गलत डाले जाने पर भी दंडित नहीं किया जा सकता है बशर्ते कि एचएसएन कोड के प्रथम को डिजिट सही हो एवं टैक्स की दर सही अंकित हो। ई-वे बिल में दर्ज वाहन संख्या के एक या दो डिजिट तक त्रुटि पाए जाने पर भी दंडित नहीं किया जा सकता है। सियाराम ने कहा कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से न सिर्फ अधिकारियों की मनमानी व भयादोहन पर लगाम लगाएगा बल्कि जीएसटी की जटिलता से घबराए व्यवसायी जीएसटी की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा।