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सुझाव के बाद तय होगी टैरिफ : अध्यक्ष

दुमका : बिजली बिल में बढ़ोतरी व सेवा को लेकर शनिवार को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अर¨वद प्रसाद ने इंडोर स्टेडियम में जनसुनवाई की। केवल सात लोगों ने आयोग के सामने सुझाव रखे। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि टैरिफ के आधार पर ही दर निर्धारित की जाती है। बिल वसूली से जो पैसा आता है उससे ही विभाग अपने सारे खर्च आदि निकालता है। कहा कि पहले सरकार के स्तर से राशि मिला करती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। सारा खर्च विभाग को बिल आदि से ही निकालना पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 05:16 PM (IST)Updated: Sat, 09 Feb 2019 05:16 PM (IST)
सुझाव के बाद तय होगी टैरिफ : अध्यक्ष
सुझाव के बाद तय होगी टैरिफ : अध्यक्ष

दुमका : बिजली बिल में बढ़ोतरी व सेवा को लेकर शनिवार को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. अर¨वद प्रसाद ने इंडोर स्टेडियम में जनसुनवाई की। केवल सात लोगों ने आयोग के सामने सुझाव रखे।

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आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि टैरिफ के आधार पर ही दर निर्धारित की जाती है। बिल वसूली से जो पैसा आता है उससे ही विभाग अपने सारे खर्च आदि निकालता है। कहा कि पहले सरकार के स्तर से राशि मिला करती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। सारा खर्च विभाग को बिल आदि से ही निकालना पड़ता है। अधिकारियों को सेवा व्यवहार में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। उपभोक्ता से ऐसा व्यवहार किया जाए कि वे विभाग के प्रति किसी तरह की शिकायत नहीं कर सकें। उपभोक्ता का संतुष्ट होना जरूरी है। बिजली अब एक प्रकार से आवश्यक सेवा हो गई। जो लोग अपने सुझाव नहीं दे सके हैं वे डाक या विभाग के मेल पर दे सकते हैं। 17 फरवरी तक आनेवाले सुझाव के आधार पर टैरिफ की दर निर्धारित की जाएगी। आयोग के सदस्य आरएन ¨सह ने कहा कि विभाग का सबसे पहले काम चोरी रोकना है। इसके लिए एलटी लाइन में तार को कवर किया जा रहा है। कहा कि दुमका आने के क्रम में एक पोल में सात टोका लगे देखे। इसी से आकलन किया जा सकता है कि राज्य में क्या स्थिति होगी। विभाग अपने स्तर से सुधार की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। यह प्रयास किया जा रहा है कि खराबी के नाम पर ज्यादा देर तक लाइट नहीं काटी जाए। अगर देरी की जाती है तो विभाग के आलाधिकारियों को गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए प्लान तैयार करना जरूरी है। विभागीय एसडीओ को हर माह एक बार शिविर लगाकर लोगों की समस्या सुनकर उनका निदान करना चाहिए।

एडीओ पर कार्रवाई का निर्देश

सुनवाई के दौरान चैंबर ऑफ कॉमर्स के सियाराम घीडि़या ने विभागीय एसडीओ की खुलकर शिकायत की। कहा कि उनका काम से अधिक ध्यान शराब पर रहता है। एक बार ग्रांट स्टेट के ट्रांसफार्मर में खराबी आ गई। रात को एसडीओ को फोन कर जानकारी दी तो उन्होंने उल्टे ही सवाल दाग दिया कि लाइट खराब है या नहीं देखकर बताएं। एसडीओ की कार्यशैली से हर कोई नाराज है। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। कहा कि हर बार विभाग यह कहता है कि घाटे में चल रहे हैं। रानीश्वर में उनके पेट्रोल पंप का मीटर काम नहीं कर रहा था जबकि एक माह पहले ही विभाग की ओर से लगाया गया। जब विभाग के लोग जांच करने आए तो कहा कि मीटर खराब है नया लगाना होगा। उन लोगों को जब यह बताया कि लाइट नहीं आने की वजह से मीटर की री¨डग नहीं बढ़ रही है। इस पर विभाग ने सारा आरोप उन पर ही मढ़ दिया। इस तरह की कार्यशैली से उपभोक्ताओं का नाराज होना लाजिमी है। उनके सवालों का जवाब देते मुख्य अभियंता सुनील कुमार ठाकुर ने जीएम और एसी को निर्देश दिया कि सात दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट समर्पित करें। इसके बाद एसडीओ पर कार्रवाई की जाएगी।

एसी ने दिया उपभोक्ताओं के सवालों का जवाब : विभाग के अधीक्षण अभियंता ने जनसुनवाई के दौरान लोगों द्वारा उठाए गए सवालों का विस्तार से जवाब दिया। उनके जवाब से लोगों में संतुष्टि भी दिखेगी।

इन लोगों ने दिया सुझाव : आयोग ने सुझाव के लिए लोगों को आमंत्रित किया लेकिन केवल सात लोगों ने आयोग के सामने अपने सुझाव रखें। संदीप कुमार ने मलूटी में ट्रांसफार्मर लगाने, राम समर्थ पासवान ने बिल में सुधार के लिए होने वाली देरी पर बात रखी।

पहले की तुलना में गुणवत्ता के साथ बिजली मिल रही है। पहले सिक्युरिटी के नाम पर नौ सौ रुपया लिया जाता था लेकिन कनेक्शन देने के नाम पर 5050 रुपया लिया जाता है। अगर विभाग इसमें कमी कर दे तो लोगों को कनेक्शन लेने के लिए ज्यादा सोचने की आवश्यकता नहीं होगी।

अजय मोहनका, व्यवसायी

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तेजी से दर में बढ़ोतरी हो रही है। इसमें कमी करने की आवश्यकता है। कमी नहीं होने पर लोग चोरी के लिए बाध्य होंगे और ऐसा होने से वास्तविक उपभोक्ता को कई तरह की परेशानी का सामना करना होगा। बिजली चोरी रोकने के लिए विभाग को और कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।

मोहम्मद शरीफ, पूर्व अध्यक्ष चैंबर

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औद्योगिक क्षेत्र के लिए जो ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं, उसके फीडर से गांव में भी लाइट की आपूíत की जाती है। गांव में आए दिन खराबी आने की वजह से यहां की भी लाइट कट जाती है। जिससे व्यवसाय पर प्रभाव पड़ता है। गांव के लिए अलग फीडर होना चाहिए।

मनोज घोष, सचिव चैंबर ऑफ कॅामर्स

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लोगों के सुझाव पर ही दर का ईमानदारी से निर्धारण करना चाहिए। आम जनता को ध्यान में रखकर ही ऐसा निर्णय लेना चाहिए जिससे किसी को शिकायत करने का अवसर नहीं मिले। खपत और आपूíत का आकलन कर ही पता किया जा सकता है किस जगह पर ज्यादा चोरी हो रही है।

सियाराम घीड़िया, व्यवसायी

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