स्वामी विवेकानंद सभी धर्मो के समन्वयक
दुमका : राष्ट्रीय युवा दिवस पर श्रीरामकृष्ण आश्रम परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी विश्वरूप महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद सभी धर्मो के समन्वयक थे। उन्होंने संदेश दिया था कि पराधीन जाति का कोई देवता नहीं है। स्वाधीनता ही सबसे बड़ी पूजा है।
दुमका : राष्ट्रीय युवा दिवस पर श्रीरामकृष्ण आश्रम परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी विश्वरूप महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद सभी धर्मो के समन्वयक थे। उन्होंने संदेश दिया था कि पराधीन जाति का कोई देवता नहीं है। स्वाधीनता ही सबसे बड़ी पूजा है। जब तक भारत की जनता भूखी रहेगी तब तक विवेकानंद जन्म लेते रहेंगे। कहा कि आज की भारत को स्वामी विवेकानंद की जरूरत है। इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन स्वामी विश्वरुप महाराज, डॉ. हशमत अली, वामा प्रसाद यादव एवं झरना सेन ने संयुक्त रुप से किया। जबकि उद्बोधन संगीत मीना माजि ने प्रस्तुत किया। कृष्णा दास, सुचंदा दे, पंपा पाल, स्वपना दास एवं रामसारथ पासवान ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर आधारित गीत प्रस्तुत किया। मंच का संचालन दिवाकर महतो ने किया जबकि मौके पर सुषमिता बोस, शैलेंद्र कुमार सिन्हा, अतुल्य चंद्र महतो, मनोज कुमार घोष, तरुण कुमार घाटी, नीलांबर कुमार साह, विनोद कुमार लाल, नीरज नाग, मनोज नाग, आशीष कुमार, स्वरुप सेन गुप्ता, स्वपन कुमार चौधरी, समीर कुमार दास, ऋषि, श्रीकांत समेत कई मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन प्रताप शंकर ने किया।