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बाल विवाह रोकने में सुकन्या मील का पत्थर

दुमका नेशनल उच्च विद्यालय के सभागार में मंगलवार को जामा प्रखंड की सीडीपीओ पूनम वर्मा ने विद्यालय की बच्चियों को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कहा कि यह योजना कन्या भ्रूण हत्या रोकने तथा बाल-विवाह पर प्रभावी रोक लगाने में बेहद कारगर है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 05:27 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 05:27 PM (IST)
बाल विवाह रोकने में सुकन्या मील का पत्थर
बाल विवाह रोकने में सुकन्या मील का पत्थर

दुमका : नेशनल उच्च विद्यालय के सभागार में मंगलवार को जामा प्रखंड की सीडीपीओ पूनम वर्मा ने विद्यालय की बच्चियों को राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कहा कि यह योजना कन्या भ्रूण हत्या रोकने तथा बाल-विवाह पर प्रभावी रोक लगाने में बेहद कारगर है। बेटियों के जन्म के पश्चात उसका आगे का जीवन कैसे हो इसके लिए उसके अभिभावक के साथ राज्य सरकार भी फिक्रमंद है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सरकार बेटियों को लाभान्वित कर रही है। मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के तहत बच्चियों को जन्म के पश्चात ही लाभ मिलना शुरू हो जाता है। इसके लिए बच्ची के जन्म के पश्चात पहला वर्ग में नामांकन होने, पांच, आठ, दस व बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात बच्चियों के खाते में एक खास रकम सरकार द्वारा दे दी जाती है। इन पैसों को वह बालिग होने पर इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए बच्चियां अपने प्रखंड के बाल विकास कार्यालय में आवेदन दे सकती हैं। आवेदन के साथ कक्षा उत्तीर्णता प्रमाणपत्र, अंत्योदय कार्ड, आधार कार्ड व बैंक खाता का फोटो कॉपी देना अनिवार्य है।

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कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक मदन कुमार ने किया। इस अवसर पर जामा की महिला पर्यवेक्षिका रत्ना झा, पाले किस्कू सहित बड़ी संख्या में नेशनल उच्च विद्यालय की छात्राएं मौजूद थीं।


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