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आत्मा-परमात्मा का जोड़ ही विहंगम योग

दुमका : शहर के गांधी मैदान में रविवार को विहंगम योग समारोह सह 251 कुंडीय विश्व शांति द

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 07:42 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 07:42 PM (IST)
आत्मा-परमात्मा का जोड़ ही विहंगम योग
आत्मा-परमात्मा का जोड़ ही विहंगम योग

दुमका : शहर के गांधी मैदान में रविवार को विहंगम योग समारोह सह 251 कुंडीय विश्व शांति दैविक महायज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। अमृतवाणी में कृषि मंत्री रणधीर ¨सह भी शामिल हुए।

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गांधी मैदान में आयोजित महायज्ञ में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और हवन किया। दिन भर तक चले पूजन के बाद शाम को इंडोर स्टेडियम में स्वर्वेद दिव्यवाणी व अमृतवाणी का आयोजन किया गया। प्रवचन करते हुए संत प्रवर विज्ञान देव ने विहंगम योग के सैधातिक व क्रियान्वित रूप पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विहंगम योग विश्व में अद्वितीय महाग्रंथ है। योग एक ब्रहम ज्ञान है। यह एक सनातन ज्ञान भी है। इसकी चर्चा वेद और गीता में भी की गई है। यहां ज्ञान भारतीय संस्कृति की रीढ़ है। ज्ञान की प्राप्ति से जीव आत्मा को परमात्मा रूपी ज्ञान का आंनद मिलता है। कहा कि जन्म-मरण व आत्मा-परमात्मा के जोड़ को ही विहंगम योग कहा जाता है। पंछी जिस प्रकार से बिना आधार के गमन में विचरण कर माता-पिता से मिलता है, उसी प्रकार आत्मा शरीर रूपी आधार को छोड़कर सदगुरुके महान ज्ञान की युक्ति से परम तत्व की प्राप्ति होती है। मौके पर योग संघ समाज के राज्य संयोजक राधाकृष्ण सिन्हा, उत्तरी क्षेत्र के महामंत्री जीपी ¨सह, जिला संयोजक डॉ. संतोष ¨सह आदि मौजूद थे।


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