सोशल मीडिया की भ्रामक सूचनाओं पर प्रशासन की निगाह पैनी
दुमका सोशल मीडिया के माध्यम से गलत व भ्रामक सूचनाएं वीडियो क्लिप व छाया चित्रों के प्रसारण पर जिला प्रशासन की निगाह पैनी होगी।
दुमका : सोशल मीडिया के माध्यम से गलत व भ्रामक सूचनाएं, वीडियो क्लिप व छाया चित्रों के प्रसारण पर जिला प्रशासन की निगाह पैनी होगी। उपायुक्त मुकेश कुमार ने इस बावत स्पष्ट लहजे में कहा है कि सोशल मीडिया के जरिए भ्रामक व सनसनी फैलनेवाले पोस्ट पर प्रशासन की न सिर्फ निगाह होगी बल्कि ऐसा करनेवालों को भी चिह्नित किया जाएगा। इस बावत सोशल मीडिया पर आनेवाली सूचना पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि
सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अत्यंत महत्वपूर्ण है लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर समाचार के नाम पर बने ग्रुप तथा अन्य नाम से बने ग्रुप पर कभी-कभी ऐसे समाचार या तथ्य भी प्रेषित किए जा रहे हैं जिसकी सत्यता प्रमाणित नहीं होती है। सूचनाएं कई बार बिना पुष्टि के सीधे कट, पेस्ट, फॉरवर्ड किए जा रहे हैं। इन सबको ध्यान में रखते हुए सोशल मीडिया ग्रुप के एडमिन एवं सदस्यों के लिए उन्होंने कई निर्देश जारी किए हैं।
ये है प्रमुख निर्देश
- ग्रुप एडमिन वहीं बनें जो उस ग्रुप के लिए पूर्ण जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का वाहन करने में समर्थ हो।
- अपने ग्रुप के सभी सदस्यों से ग्रुप एडमिन पूर्णत: परिचित हो।
- ग्रुप के किसी सदस्य द्वारा गलतबयानी, बिना पुष्टि के समाचार जो अफवाह बन जाए, पोस्ट किए जाने पर या सामाजिक समरसता बिगाड़नेवाले पोस्ट पर ग्रुप एडमिन तत्काल उसका खंडन करें। उस सदस्य को ग्रुप से हटाया जाए।
- अफवाह, भ्रामक सूचना, सामाजिक समरसता के विरुद्ध सूचना पोस्ट होने पर संबंधित थाना को भी तत्काल सूचना दी जाए।
- ग्रुप एडमिन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें भी इसका दोषी माना जाएगा और उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
- दोषी पाए जाने पर आइटी एक्ट साइबर क्राइम तथा आइपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी।
- किसी भी धर्म के नाम पर भावनाओं को आहत करनेवाले पोस्ट किसी भी ग्रुप में डाले जाने पर समाज में तनाव उत्पन्न होने की संभावना रहती है ऐसे पोस्ट करने या किसी अन्य ग्रुप के फॉरवर्ड करने पर आइटी एवं आइपीसी की सुसंगत धाराओं के आधार पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ग्रुप एडमिन की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।